Jammu Kashmir Police: जम्मू कश्मीर में आतंकवाद आखिरी सांस ले रहा  है. इसके साथ ही घाटी को पूरी तरह से शांतिपूर्ण बनाने का सपना आखिरकार सच हो रहा है. पिछले साल से तुलना करें तो 2022 में घाटी के 110 स्थानीय युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए थे. जबकि 2023 में अभी तक केवल 10 स्थानीय युवाओं के आतंकी कैंप में भर्ती होने की पुष्टि हुई है. जम्मू कश्मीर के डीजीपी ने बताया कि आतंकवाद विरोधी अभियानों की कामयाबी की वजह से ये संभव हो सका है. पुलिस स्मृति दिवस पर डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, 'केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में आतंकवाद आखिरी सांस ले रहा है और जम्मू-कश्मीर पुलिस उसे पूरी तरह खत्म करना सुनिश्चित करेगी. 


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पाकिस्तान की नापाक हरकत जारी 


डीजीपी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान अभी भी कश्मीर घाटी में शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहा है. लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस और अनी सुरक्षाबल अलर्ट है और पाकिस्तान की ये कोशिश कभी सफल नहीं होने देंगे. घाटी में आतंकवाद से लड़ते हुए पिछले तीन दशकों में 1605 सुरक्षा बलों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है. पाकिस्तान यहां आतंक को बढ़ावा दे रहा है. जम्मू-कश्मीर जल्द ही आतंक मुक्त हो जाएगा, और हम देश और शांति के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले प्रत्येक शहीद को सलाम करते हैं.'


ड्रग्स नेटवर्क तोड़ा


दरअसल एनआईए और एसआईए जैसी जांच एजेंसियों द्वारा नार्को आतंकवाद से सख्ती से निपटा जा रहा है. हाल ही में रामबन इलाके में एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है. वहां 30 किलोग्राम ड्रग्स बरामद हुआ था. इस तरह ड्रग्स नेटवर्क ध्वस्त किया जा रहा है जो उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले से लेकर पंजाब तक जुड़ा हुआ है. हालांकि इसके कुछ तार उत्तराखंड से भी जुड़े हैं.


लॉन्च पैड तबाह


एलओसी पर तैनात सुरक्षा बल हमेशा हाई अलर्ट पर रहते हैं. सीमा पार करने की कोशिश कर रहे ज्यादातर घुसपैठिए मौके पर ही ढेर कर दिए जाते हैं. इसके साथ ही सेना और सुरक्षाबल पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से संचालित आतंकी लॉन्चपैड पर नजर रखे हैं. हालांकि अभी भी कुछ आतंकी कैंप एलओसी के पास अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सियालकोट और गुरेज सेक्टर के पार सक्रिय हैं. फिर भी भारत में घुसपैठ की 90% से अधिक वारदातें नाकाम की गई हैं.