नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नोएडा में हुई 'द ग्रेट रॉबरी' का खुलासा हो गया है. पुलिस ने अभी तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 13 Kg सोने के बिस्किट, ज्वैलरी, जमीनी दस्तावेज और 57 लाख रुपये कैश बरामद हुए हैं. इनकी कुल कीमत 8 करोड़ 25 लाख रुपये बताई जा रही है. लेकिन इस खुलासे के बाद नोएडा पुलिस की परेशानी कम होने के बजाय उल्टा बढ़ गई है.


करोड़ों के खजाने का मालिक लापता!


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ऐसा शायद इतिहास में पहली बार होगा जब पुलिस ने चोरो को गिरफ्तार कर लिया, उनके पास से लूट के करोड़ों रुपये बरामद कर लिए, लेकिन इतने बड़े खजाने पर अपना हक जताने वाला कोई नहीं है. ग्रेटर नोएडा की सिल्वर सिटी सोसाइटी के जिस फ्लैट से ये सारा पैसा चोरी हुआ था, उसके मालिक ने भी इस खजाने को अपना बताने से साफ इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि, 'हमने ये फ्लैट किसलय पांडे नाम के एक शख्स को किराए पर दे रखा था.' 


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Zee News ने ढूंढ निकाला किसलय पांडे


जब पुलिस छानबीन की तो पता चला कि किसलय पांडे और उसके पिता राममणि पांडे के खिलाफ दिल्ली और एनसीआर में करोड़ों की ठगी के कई मामले दर्ज हैं. किसलय खुद को सुप्रीम कोर्ट का वकील बताता है. हालांकि पुलिस अभी तक किसलय की वर्तमान लॉकेशन का पता लगाने में नाकामयाब रही है. लेकिन ज़ी मीडिया के रिपोर्ट नीरज गौड़ ने किसलय को ढूंढ निकाला और इन आरोपों पर वीडियो कॉलिंग के जरिए उससे बात की, जिसमें उसने बड़ा खुलासा किया.


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'मैं शुरुआत से ही नोएडा पुलिस के टच में हूं'


किसलय पांड ने बताया कि, 'मेरा इस ज्वैलरी और कैश से कोई संबंध नहीं है. मुझ पर लगाए गए सभी आरोपी झूठे हैं. ये सब मुझे बदनाम करने की साजिश के तहत किया जा रहा है. मैं शुरुआत से ही नोएडा पुलिस (Noida Police) के टच में हूं. पुलिस को जांच में हर संभव सहयोग कर रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा. लेकिन कुछ लोग मुझे बदनाम करना चाहते हैं. मैंने कोई फर्जी डिग्री नहीं बनाई है. ये सब मुझे फंसाने के प्लान के तहत किया जा रहा है. मेरा इस सोने से कोई लेना देना नहीं है.'


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