Delhi Old Excise Policy: 1 सितंबर से बदल जाएगा शराब खरीदने का तरीका, निजी दुकानों पर ताला लगना चालू
एक सितंबर से दिल्ली में पुरानी नीति के तहत शराब की बिक्री होगी. इसे लेकर आबकारी विभाग की निगरानी में सरकार की तरफ से नियुक्त चार निगम तैयारियों में लगे हुए हैं.
Old Liquor Policy in Delhi: दिल्ली की शराब नीति इन दिनों खूब चर्चा में है. ऐसे में इस नई नीति को हटाकर पुराने पैटर्न को वापस लाया जा रहा है. इसलिए दिल्ली में शराब की निजी दुकानें बंद होने लगी हैं. दरअसल, एक सितंबर से पुरानी नीति के तहत शराब की बिक्री होगी. इसे लेकर आबकारी विभाग की निगरानी में सरकार की तरफ से नियुक्त चार निगम तैयारियों में लगे हुए हैं. पुरानी नीति को वापस लाने के साथ ही पहले सप्ताह में 300 से ज्यादा दुकानें खोलने का लक्ष्य है, जो कि सितंबर में ही बढ़कर 500 तक हो जाएगी.
दुकानों में स्टॉक ही नहीं
1 सितंबर से शराब खरीदने वालों को भी कई बदलाव देखने को मिलेंगे. दिल्ली में 31 अगस्त को शराब की सभी निजी दुकाने बंद हो जाएंगी. ऐसे में निजी वेंडर उतनी ही शराब उठा रहे हैं, जितनी खपत एक दिन में होती है. गिने-चुने ब्रांड की शराब ही दुकानों में उपलब्ध हैं. कई निजी दुकानों पर नोटिस चस्पा कर दिए गए हैं कि यह दुकान 31 अगस्त की रात को बंद हो जाएगी. हालांकि ग्राहकों के लिहाज से पुरानी नीति के तहत उन्हें निर्धारित कीमतों पर ही शराब खरीदनी होगी. यानी अब ग्राहकों को शराब पर कोई डिस्काउंट या ऑफर नहीं मिलेगा. साथ ही सभी क्षेत्रों की दुकानों पर शराब की कीमतें ब्रांड के हिसाब से समान रहेंगी.
क्या थी नई एक्साइज पॉलिसी?
राजधानी के 272 वार्डों में 849 दुकानें खोली जानी थी, जिनमें से 600 से कम ही खुल पाईं. अभी 342 दुकानें संचालित हैं. नई नीति में सरकार ने खुद को शराब की बिक्री से अलग कर लिया था. निजी वेंडर को ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कीमतों में छूट और ऑफर देने का अधिकार दिया गया. ग्राहकों को एमआरपी से कम कीमत पर भी शराब बेची गई. नाइट कल्चर के तहत देर रात तक शराब बिक्री करने की व्यवस्था की गई, हालांकि इसे लागू नहीं किया जा सका. ग्राहकों को दुकान के अंदर जाकर पसंद की शराब खरीदने का अवसर दिया गया. सभी दुकान एयरकंडीशन बनाए गए और जिससे ग्राहकों को शराब खरीदते वक्त बेहतर अनुभव हो.
एक सितंबर से क्या बदल जाएगा?
लेकिन अब ऐसे ठाठ नहीं रहेंगे. 1 सितंबर से शराब की बिक्री पूरी तरह सरकारी हाथों में होगी. चार निगम शराब की बिक्री करेंगे और आबकारी विभाग निगरानी करेगा. कोई डिस्काउंट या ऑफर नहीं दिया जाएगा. राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (डीएसआईआईडीसी), दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी), दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर (डीसीसीडब्ल्यूएस) और दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (डीएससीएससी) ही शराब बेचेंगे.
इसके तहत सितंबर के पहले सप्ताह में 300 से अधिक और अंतिम सप्ताह तक 500 दुकानें खुलेंगी. दिसंबर तक इन दुकानों की संख्या बढ़ाकर सात सौ की जाएगी. अब राजधानी में ड्राई डे की संख्या 21 होगी, जिन्हें नई नीति के तहत घटाकर कम किया गया था. 20 नई प्रीमियम दुकानें खोली जाएंगी. एक सितंबर को आठ दुकानें खोली जाएंगी. शेष 12 प्रीमियम दुकानें 31 दिसंबर तक खोली जाएंगी.
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