कोच्चि: आमतौर पर हम लोग कहीं भी शॉपिंग आदि पर जाते हैं तो अपनी गाड़ी को सुरक्षित पार्क करने के लिए एक शुल्क देते हैं. लेकिन केरल हाई कोर्ट (Kerala high court) ने शुक्रवार को शॉपिंग मॉल जैसी कॉमर्शियल जगहों पर पार्किंग शुल्क लिए जाने को अवैध बताया. कोर्ट ने कहा कि आज आप पार्किंग के लिए पैसा मांग रहे हैं. कल आप लिफ्ट के लिए भी पैसे इकट्‌ठा करने लगेंगे, यह अवैध है. दरअसल यह टिप्पणी इसलिए की गई है क्योंकि कुछ दिनों पहले एक अभिनेता से पार्किंग के नाम पर 20 रुपये वसूल लिए गए थे.  


अगली सुनवाई तक टला फैसला


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हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में अभी फैसला नहीं सुनाया है. जज ने कहा कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही अदालत किसी भी अंतिम निर्णय पर पहुंचेगी. मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी, 2022 को होगी.


केरल का है मामला


यह मामला केरल के एर्नाकुलम में लुलु इंटरनेशनल शॉपिंग मॉल से जुड़ा हुआ है. सुनवाई के दौरान जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने कहा कि केरल नगर पालिका भवन नियम 1994 के अनुसार जो भी लोग परिसर में आ रहे हैं, उनके लिए पार्किंग की व्यवस्था अनिवार्य तौर पर करना भवन स्वामी की जिम्मेदारी है. उन्होंने अपनी पिछली राय दोहराई कि ऐसी परिस्थितियों में पार्किंग शुल्क जमा करना पहली नजर में अवैध माना जाएगा.


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सेवा का शुल्क लेना ठीक नहीं


जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मेरे हिसाब से बिल्डिंग की परमिशन केवल पार्किंग स्थान को शामिल करने पर दी जाती है. उस पार्किंग सुविधा के साथ बिल्डिंग परमिट देने के बाद आप एक अतिरिक्त शुल्क जमा नहीं कर सकते, क्योंकि यह इमारत का हिस्सा है. इसके अलावा उन्होंने मॉल की तरफ से पेश वकील से कहा कि कल से आप लिफ्ट के लिए भी शुल्क जमा करना शुरू कर देंगे, क्योंकि आप एक सेवा मुहैया करा रहे हैं. यह ठीक नहीं है.


'नियमों के खिलाफ है पैसे वसूलना'


गौरतलब है कि केरल हाई कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे फिल्म निर्देशक पॉली वडक्कन ने अधिवक्ता जोमी के जोस के जरिए पेश किया था. बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में वो मॉल घूमने गए तब उनसे पार्किंग शुल्क के तौर पर 20 रुपये वसूल लिए गए थे. याचिका में तर्क दिया गया है कि यह केरल नगर पालिका अधिनियम और केरल नगर पालिका भवन नियमों का घोर उल्लंघन है, जिसके अनुसार एक कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स में पार्किंग के लिए अनुमोदित भवन योजना में निर्धारित स्थान को पे एंड पार्क सुविधा में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है.


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