Target Killing of Kashmiri Pandits in Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में लगातार हो रही टारगेट किलिंग से सरकार भारी दबाव में है. कश्मीर घाटी के सरकारी विभागों में ड्यूटी कर रहे हिंदू कर्मचारियों (Kashmiri Pandits) को टारगेट किलिंग से बचाने के लिए प्रदेश के लिए एलजी मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने बुधवार को अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की. इस बैठक में पुलिस-प्रशासन और सेना के टॉप अफसर शामिल हुए. इस बैठक में कश्मीरी हिंदुओं की जान बचाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया. 


अब जिला मुख्यालयों में होगी कश्मीरी पंडितों की तैनाती


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सूत्रों के मुताबिक सरकार ने डिसीजन लिया है कि पीएम पैकेज के तहत सरकारी नौकरी करने के लिए कश्मीर घाटी लौटे हिंदुओं (Kashmiri Pandits) को टारगेट किलिंग से बचाने के लिए उन्हें अब जिला मुख्यालयों पर तैनात किया जाएगा. वहां पर उन कर्मचारियों की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएंगे. साथ ही उनके रहने के इंतजाम भी अलग किए जाएंगे और वहां पर फुलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी. ऐसे हिंदू कर्मचारियों को अब तहसीलों या रिमोट एरियाज की ड्यूटी से हटा लिया जाएगा.


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कश्मीरी हिंदुओं का जम्मू में नहीं होगा ट्रांसफर 


बैठक में फैसला लिया गया कि घाटी में काम कर रहे कश्मीरी हिंदुओं (Kashmiri Pandits) को जम्मू रि-लोकेट करने की मांग नहीं मानी जाएगी. अगर ऐसा किया गया तो इससे प्रदेश में सांप्रदायिक धुव्रीकरण और तेज आएगा. साथ ही आतंकियों के हौंसले भी पहले से ज्यादा बढ़ जाएंगे और वे फिर दूसरे हिस्सों में भी ऐसी ही हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम देंगे. हालांकि विशेष परिस्थितियों में कुछेक कश्मीरी हिंदुओं को जम्मू ट्रांसफर करने पर विचार हो सकता है.


निर्दोष लोगों को निशाना बना रहे आतंकी


बताते चलें कि सुरक्षाबलों के ऑल आउट ऑपरेशन से आतंकी संगठनों में खलबली मची हुई है. वे सेना और सुरक्षाबलों का सामना करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं, इसलिए निर्दोष आम नागरिकों की हत्या कर अपनी खीज उतारने में लगे हैं. उनके निशाने पर कश्मीरी हिंदुओं (Kashmiri Pandits) के साथ ही वहां पर सरकारी ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी, उनके परिवार और दूसरे आम लोग हैं. 


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हत्याओं के पीछे हाइब्रिड आतंकियों का हाथ 


सुरक्षबालों का कहना है कि इन घटनाओं के पीछे उन हाइब्रिड आतंकियों का हाथ है, जो स्टूडेंट, मजदूर, टीचर, कारोबारी के रूप में दिखते हैं लेकिन मौका देखते ही किसी को भी पिस्तौल से गोली मार देते हैं. आम नागरिकों के वेश में घूम रहे इन आतंकियों पर लगाम कसना सरकार के लिए बड़ा चैलेंज बना हुआ है. 


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