अगरतला: त्रिपुरा विधानसभा चुनावों के लिए आज वोट डाले जाएंगे. 60 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में मतदान को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. चारीलाम सीट पर एक उम्मीदवार की मौत हो जाने के कारण यहां 12 मार्च को वोट डाले जाएंगे. मतदान के लिए यहां वीवीपैट का इस्तेमाल किया जा रहा है. चुनावों के मद्देनजर त्रिपुरा से लगने वाली बंगलादेश की सीमा को सील कर दिया गया है. सेना संवेदनशील इलाकों में गश्त कर रही है. 3,214 मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक मतदान किया जाएगा. 


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1998 से सत्ता में मुख्यमंत्री माणिक सरकार के किले के भेदने के लिए बीजेपी ने एड़ी चोटी के जोर लगा दिए हैं. वामपंथ के इस लाल गढ़ में बीजेपी किस कदर सेंध लगा पाती है ये 3 मार्च को साफ हो जाएगा. नागालैंड और मेघालय के साथ ही तीन मार्च को यहां के मतों की गिनती की जाएगी. चुनावी मैदान में 307 उम्मीदवार एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं.


वाम दलों का है कब्जा
त्रिपुरा में 60 सदस्यीय विधानसभा में वामदलों के 49 सदस्य हैं जबकि कांग्रेस के 10 सदस्य हैं. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 50 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिनमें से 49 की ज़मानत ज़ब्त हो गई थी. इस चुनाव में माकपा को 48.11 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे जबकि कांग्रेस को 36.53 प्रतिशत वोट मिले. भाजपा का मत प्रतिशत 1.54 रहा था. 


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मणिक बनाम HIRA  
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ फरवरी को एक रैली के दौरान मतदाताओं से कहा था कि वह मणिक को उखाड़ फेंके (माणिक सरकार) और ‘हीरा’ चुनें. उन्होंने यहां हीरा (एच फॉर हा‍इवेज, आई फॉर इंटरनेटवे, आर फॉर रोडवेज और ए फॉर एयरवेज) के लिए कहा था. पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि त्रिपुरा में कम्युनिस्टों के शासन में विकास ठीक उसी तरह से रुक गया है, जैसे लाल बत्ती पर यातायात रुक जाता है. उन्होंने कहा राज्य तभी तरक्की करेगा, जब लाल (कम्युनिस्ट) को सत्ता से बेदखल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कम्युनिस्टों ने राज्य में लोकतंत्र को नष्ट कर दिया और उसे एकपक्षीय समाज बना दिया, जिसे बदलने की जरुरत है.


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बीजेपी ने उतारे 51 उम्मीदवार
ऐसा पहली बार है कि बीजेपी यहां सभी सीटों से चुनाव लड़ रही है. 51 सीटों पर उसने खुद अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि 9 सीटें अपने सहयोगी दल IPFT के लिए छोड़ी हैं. सीपीआई (एम) 57 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. आरएसपी, सीपीआई और फोरवर्ड ब्लॉक महज एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रही हैं. कांग्रेस अकेले ही मैदान में उतरी है. उसने 59 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं.


मणिक सरकार को उनके घर में चुनौती
त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले का धनपुर विधानसभा क्षेत्र इस बार के विधानसभा चुनाव में लाल और भगवे झंडे के बीच चुनावी युद्ध भूमि बना हुआ है. यह विधानसभा क्षेत्र बांग्लादेश से लगता हुआ है और यह मुख्यमंत्री माणिक सरकार का घरेलू चुनावी मैदान है. मुख्यमंत्री इस बार चुनाव में लगातार पांचवीं बार यहां से जीत की आशा लगाए हुए हैं. 


इस बार सरकार की पार्टी माकपा न केवल अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के खिलाफ संघर्ष कर रही है बल्कि तेजी से राज्य में अपनी पकड़ बना रहे बीजेपी के खिलाफ भी संघर्ष कर रही है. भाजपा ने यहां से राज्य महासचिव प्रतिमा भौमिक को अपना उम्मीदवार बनाया है. यह दूसरी बार है जब प्रतिमा सरकार के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. उन्होंने साल 1998 में यहां से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली थी. कांग्रेस ने यहां पूर्व मंत्री लक्ष्मी नाग को अपना उम्मीदवार बनाया है.


चारीलाम सीट पर 12 मार्च को मतदान
त्रिपुरा के चारीलाम विधानसभा सीट पर 12 मार्च को चुनाव होंगे. पश्चिमी त्रिपुरा के सेपाहिजाला जिले की चारीलाम विधानसभा सीट जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है. यहां राज्य के 59 अन्य विधानसभा सीटों के साथ 18 फरवरी को चुनाव होने थे लेकिन, माकपा उम्मीदवार की मौत की वजह से मतदान की तिथि में बदलाव करना पड़ा. सत्तारूढ़ माकपा की तरफ से यहां से रामेन्द्र नारायण देबबर्मा चुनाव लड़ रहे थे. उनका हृदयाघात की वजह से यहां के गोविंदवल्लभ पंत मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 11 फरवरी को निधन हो गया था.