Monsoon Session: संसद सत्र से पहले सियासी दल रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं. इस महीने की 18 तारीख से शुरू होने वाले मानसून सत्र को लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शनिवार को एक बैठक बुलाई है. इस मीटिंग के लिए टीआरएस के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को न्योता दिया गया है. साथ ही टीआरएस प्रमुख केसीआर अपनी पार्टी के सांसदों को विभिन्न मुद्दों पर अपनाए जाने वाले स्टैंड के बारे में निर्देश जारी करेंगे. केसीआर सांसदों से केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करने का आह्वान कर सकते हैं और जरूरी मुद्दों पर सांसदों को निर्देश दे सकते हैं.


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राज्य के विकास में केंद्र बन रहा बाधा 


मुख्यमंत्री केसीआर का आरोप है कि केंद्र सरकार तेलंगाना के साथ भेदभाव कर रही है और यही वजह है कि वह खुले तौर पर बीजेपी के विरोध में आ गए हैं. वह अपने सांसदों को संसद के मंच पर संघर्ष करने और केंद्र सरकार की मुखर आलोचना करने के निर्देश देंगे. केसीआर का दावा है कि वह तेलंगाना के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में जुटे हुए हैं और केंद्र की भाजपा सरकार इसमें बाधा बन रही है. उनका आरोप है कि केंद्र आर्थिक रूप से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे तेलंगाना राज्य के विकास को रोकने की कोशिश कर रहा है, पार्टी के सांसद सत्र के दौरान इसके खिलाफ आवाज उठाने को तैयार है. 


पार्टी का कहना है कि कृषि, सिंचाई और अन्य क्षेत्रों में राज्य सरकार की ओर से क्रांतिकारी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है और इसी वजह से तेलंगाना, देश में अनाज उत्पादन में अग्रणी बन गया है. टीआरएस का आरोप है कि केंद्र सरकार तेलंगाना के किसानों द्वारा उगाए गए अनाज को नहीं खरीदकर किसानों और मिल मालिकों को गंभीर संकट में डालने का काम कर रही है.


आर्थिक नीतियों का किया विरोध


मुख्यमंत्री केसीआर ने ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को मजबूती से लागू करने वाले तेलंगाना के मामले में केंद्र की नीति को खत्म करने का फैसला किया है.  तेलंगाना में लागू ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना लागू की जा रही है और उसके सोशल ऑडिट की केंद्र सरकार पहले भी कई बार तारीफ कर चुकी है. लेकिन, पार्टी का आरोप है कि अब केंद्र सरकार ने अपनी बात बदल दी है और उल्टा कर रही है. ऐसे में सीएम अपने सांसदों को तेलंगाना सरकार की ओर से लागू ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के मुद्दे पर केंद्र के खिलाफ खड़े होने के लिए निर्देशित करेंगे.


केसीआर ने केंद्र सरकार की ओर से अपनाई जा रही आर्थिक नीतियों का विरोध भी किया और कहा कि अर्थशास्त्री भी मान रहे हैं कि इन नीतियों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है. देश के लोगों को लगता है कि रुपये का गिरना मूल्य इसका प्रमाण है. सीएम केसीआर को लगता है कि देश के नागरिकों के रूप में तेलंगाना के लोगों की जिम्मेदारी है कि देश को उस खतरनाक स्थिति में आर्थिक संकट के बोझ से बचाएं जहां देश का विकास सूचकांक लगातार नीचे पहुंच रहा है. ऐसे में सीएम केसीआर सांसदों को सुझाव देंगे कि जनता की राय को प्रतिबिंबित करने के लिए केंद्र को रुपये के पतन पर दोनों सदनों के गवाह के रूप में खड़ा होना चाहिए.


देश का माहौल बिगाड़ रही बीजेपी


टीआरएस ने केंद्र सरकार पर लोकतांत्रिक मूल्यों के हनन का भी आरोप लगाया है और देश का माहौल खराब करने के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है.  पार्टी का आरोप है कि केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियों से संविधान में निहित संघीय भावना और धर्मनिरपेक्ष जीवन शैली को कमजोर किया जा रहा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए केसीआर टीआरएस सांसदों को केंद्र में भाजपा सरकार की अलोकतांत्रिक नीतियों के विरोध में संसद के मंच पर आवाज उठाने के लिए प्रेरित करेंगे.


टीआरएस के सांसद इस बार संसद संत्र में बीजेपी और केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गए हैं. साथ ही अन्य विपक्षी सांसदों को साथ लेकर संसद में सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए कमर कस ली है. 


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