Typhoid and Cervical Cancer vaccination: कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ पूरे देश में वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है और अब तक टीके की 197 करोड़ डोज दी जा चुकी है. इसके बाद अब जल्द ही सर्वाइकल कैंसर और टाइफाइड के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत की जा सकती है. सरकारी सलाहकार समूह एनटीएजीआई ने आंकड़ों की जांच पड़ताल करने के बाद सर्वाइकल कैंसर और टाइफाइड के खिलाफ टीकाकरण की सिफारिश की है.


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डीसीजीआई की मंजूरी का अभी इंतजार


सूत्रों ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर और टाइफाइड (Typhoid and Cervical Cancer) के खिलाफ टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) के एक अलग एचपीवी कार्य समूह ने आठ जून को क्लिनिकल परीक्षण के आंकड़ों और राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने के लिए टीके की उपयोगिता की पड़ताल की थी.


आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की विषय विशेषज्ञ समिति ने 15 जून को टीके के लिए विपणन मंजूरी देने की सिफारिश की थी. हालांकि अभी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की मंजूरी का अभी इंतजार है.


दूसरे और तीसरे फेज का क्लिनिकल ट्रायल पूरा


सूत्रों ने बताया कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सरकार एवं नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को आवेदन दिया है और डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के समर्थन से चरण 2/3 क्लिनिकल ट्रायल पूरा होने के बाद देश में इसकी शीघ्र उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए टीके के वास्ते विपणन मंजूरी मांगी है.


प्रकाश कुमार सिंह द्वारा पेश किए गए आवेदन के अनुसार, वैक्सीन, सीईआरवीएवीएसी ने मजबूत एंटीबॉडी प्रतिक्रिया प्रदर्शित की है, जो सभी लक्षित एचपीवी प्रकारों और सभी खुराक एवं आयु समूहों के आधार पर लगभग 1,000 गुना अधिक है.


15-44 उम्र की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का अधिक खतरा


आवेदन में बताया गया है कि देश में हर साल लाखों महिलाओं में सर्वाइकल और कुछ अन्य प्रकार के कैंसर का पता चलता है. इतना ही नहीं पीड़ितों के मृत्यु अनुपात भी बहुत अधिक है. भारत में सर्वाइकल कैंसर 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में दूसरा सर्वाधिक होने वाला कैंसर है.



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