शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा लोकसभा ही हटा सकती है इसलिए सभी पक्षों को पीएम नरेंद्र मोदी से बात करनी चाहिए. मराठा कोटा एक्टिविस्टों के साथ बैठक के बाद उन्होंने इस मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों को पीएम मोदी से मुलाकात करनी चाहिए और आरक्षण की मांग रखनी चाहिए. उद्धव ने कहा कि आगे पीएम समाधान निकालें और अगर यह लोकसभा में आता है तो हमारे सभी सांसद इसका समर्थन करेंगे. 


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संसद को ही अधिकार


उद्धव ने कहा कि राज्य सरकार के पास आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा हटाने का अधिकार नहीं है. केंद्र सरकार ही संसद के जरिए आरक्षण को बढ़ा सकती है. ठाकरे ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की. साथ ही उन्होंने नेताओं के साथ चर्चा करने के बजाय आपसी सहमति से समाधान खोजने के लिए विभिन्न वर्गों के साथ विचार-विमर्श की मांग की.


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पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा, 'राज्य के पास आरक्षण की सीमा बढ़ाने का अधिकार नहीं है. इसे लोकसभा के जरिए किया जा सकता है. (अगर आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से ज्यादा करने के लिए कोई कानून पेश किया जाता है) मेरे सांसद इसका समर्थन करेंगे.' 


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उन्होंने कहा, 'हर किसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाना चाहिए और उन्हें (आरक्षण मुद्दे के समाधान पर) फैसला करना चाहिए. जो भी (फैसला) हो हम उसे स्वीकार करेंगे.’ आरक्षण बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के बिहार सरकार के फैसले पर उच्च न्यायालय की रोक का हवाला देते हुए ठाकरे ने कहा कि सत्तारूढ़ दलों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं.


जैसे-जैसे महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव करीब आ रहा है, मराठा आरक्षण का मुद्दा गरम होता जा रहा है. कई समूह अपने-अपने तरीके से मोर्चा खोले हुए हैं.