Maharashtra Politics: महाराष्‍ट्र में अगले दो महीने के भीतर चुनाव होने वाले हैं. सियासी गहमागहमी शुरू हो गई है. चुनावी फिजा में उद्धव और चचेरे भाई राज ठाकरे की प्रतिद्वंद्विता की चर्चा न हो ऐसा हो ही नहीं सकता. पिछले दिनों की घटनाएं कमोबेश ऐसा ही इशारा करती हैं. दरअसल महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे शनिवार को जब ठाणे के गडकरी रंगायतन सभागार में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की एक बैठक के लिए पहुंचे तो राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और उनके काफिले पर गोबर और टमाटर फेंके. इस घटना को लेकर अब महाराष्ट्र में राजनीति तेज हो गई है.


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शिवसेना (यूबीटी) ने राज ठाकरे पर हमला बोला और उनकी पार्टी को सुपारीबाज बताया. शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, “अब समझ आ गया है कि राज ठाकरे और उनकी पार्टी को सुपारीबाज क्यों कहा जाता है. जिस तरह से उद्धव ठाकरे के काफिले पर ठाणे में हमला किया गया है. इस घटना से सरकार पर सवाल उठते हैं कि आखिर वह महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री की सुरक्षा को क्यों मुहैया नहीं करा पाए.”


शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा, “राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. सीएम एकनाथ शिंदे के गृह जिले में ऐसे हमले होते हैं तो इससे साफ होता है कि इसकी सुपारी ली गई है. पहले लोग कहते थे कि राज ठाकरे और उनकी पार्टी सुपारीबाज है. परंतु अब यकीन हो गया, जिस तरह हमारे नेता उद्धव ठाकरे के काफिले पर ठाणे में हमला हुआ है. यह बहुत ही शर्मनाक है. एकनाथ शिंदे की सरकार पूरी तरह से फेल है. देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा देना चाहिए.”


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राज ठाकरे का जवाब
वहीं, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने उद्धव ठाकरे पर हुए हमले को स्वीकार किया है. मनसे के ठाणे-पालघर के जिलाध्यक्ष अविनाश जाधव ने कहा, “कुछ शिवसैनिकों ने राज ठाकरे की गाड़ी के सामने आंदोलन करने की कोशिश की थी. उसी का मनसे ने जवाब दिया है. हमारे कार्यकर्ताओं ने 15 से अधिक गाड़ियों पर गोबर फेंका है. अगर कोई शिवसैनिक राज ठाकरे के खिलाफ जाएगा तो उनको ऐसा ही करारा जवाब दिया जाएगा. और उन्हें घर में घुसकर पीटा जाएगा.”


महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे के काफिले पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हमले को रविवार को कार्यकर्ताओं की नाराजगी का परिणाम करार दिया. राज ठाकरे ने कहा कि कुछ लोगों ने उनके काफिले पर सुपारियां फेंकी थीं, जिसकी शिवसेना (यूबीटी) ने निंदा नहीं की जिससे कुंठा में मनसे कार्यकर्ताओं ने उद्धव के काफिले को निशाना बनाया. दरअसल शुक्रवार जिले को बीड जिले में कुछ लोगों ने राज ठाकरे के काफिले पर सुपारियां फेंकी थीं. अधिकारियों ने उद्धव के काफिले पर हमला करने के संबंध में मनसे के 40 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि पुलिस ने बाद में मनसे के 54 कार्यकर्ताओं के खिलाफ नामजद दो प्राथमिकी दर्ज कीं.


राज ठाकरे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि बीड में शिवसेना-यूबीटी के जिला प्रमुख द्वारा घटना की निंदा नहीं किए जाने के कारण मनसे कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराजगी व्यक्त की.


उन्होंने कहा, “ठाणे में मनसे कार्यकर्ताओं की यह हरकत बीड जिले में शिवसेना-यूबीटी जिला प्रमुख द्वारा घटना की निंदा नहीं किए जाने के कारण हताशा से प्रेरित थी. शिवसेना-यूबीटी द्वारा प्रतिक्रिया न देना मनसे कार्यकर्ताओं को नागवार गुजरा, जिस कारण उन्होंने ऐसा किया.” राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं से फिलहाल पीछे हटने की अपील की. हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि विधानसभा चुनावों के बाद उन लोगों के व्यवहार पर ध्यान दिया जाएगा जिन्होंने अपना तरीका बदलने से इनकार कर दिया है.


यह सिर्फ क्रिया की प्रतिक्रिया: मुख्यमंत्री शिंदे
इस घटना पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा है कि ठाणे में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के काफिले को निशाना बनाया जाना ‘‘क्रिया की प्रतिक्रिया’’ है. घटना के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए शिंदे ने कहा, ‘‘इसकी शुरुआत किसने की? शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं ने औरंगाबाद में राज ठाकरे के काफिले को निशाना बनाया. यह सिर्फ क्रिया की प्रतिक्रिया थी.’’


उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे और शिवसेना नेता आनंद दिघे के विचारों को त्याग दिया है, उन्हें ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा. शुक्रवार को शिवसेना (यूबीटी) समर्थकों ने बीड शहर में उद्धव के चचेरे भाई राज ठाकरे के काफिले पर सुपारी फेंकी थी.