नई दिल्ली: मिड डे मील स्कीम (Midday Meal Scheme) के तहत बच्चों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से धनराशि भेजी जाएगी. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' (Ramesh Pokhriyal Nishank) ने मिड डे मील स्कीम के सभी पात्र बच्चों के लिए खाना पकाने की लागत के बराबर की धनराशि देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.


11.8 करोड़ छात्रों को मिलेगी आर्थिक मदद


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इस तरह डीबीटी के माध्यम से 11.8 करोड़ छात्रों को नकद धनराशि मिलेगी. इससे मिड डे मील स्कीम को गति मिलेगी. यह भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM-GKAY) के तहत लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम की दर से मुफ्त खाद्यान्न वितरण की घोषणा से अलग है.


शिक्षा मंत्री ने किया ट्वीट


केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने ट्वीट किया, 'एमडीएम स्कीम के तहत केंद्र सरकार लगभग 11.8 करोड़ छात्रों को डीबीटी के जरिए आर्थिक सहायता देगी. इसके लिए फंड में और 1200 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.'



बता दें कि यह फैसला बच्चों के पोषण स्तर को सुरक्षित रखने में मदद करेगा और इस चुनौतीपूर्ण महामारी के समय में उनकी इम्युनिटी को बनाए रखने में मदद करेगा. केंद्र सरकार इसके लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को लगभग 1200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि देगी.


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केंद्र सरकार के इस एक बार के विशेष कल्याणकारी उपाय से देशभर के 11.20 लाख सरकारी और सरकारी सहायता वाले स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले लगभग 11.8 करोड़ बच्चों को लाभ मिलेगा.


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