UP Bypolls AI Survey: उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां तेज कर दी है. सभी 10 सीटों पर मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (BJP) और इंडिया गठबंधन के बीच है. इन चुनावों को 2027 विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. इस बीच ZEE NEWS और ICPL ने यूपी उपचुनाव पर सबसे बड़ा सर्वे किया है. इस AI सर्वे में 30 लाख लोगों से राय ली गई है, जिसमें लोगों से कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे गए. तो चलिए आपको बताते हैं कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी.


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उपचुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा क्या?


चुनाव के दौरान पॉलिटिकल पार्टियां और पॉलिटिशियन कई मुद्दे उछालते हैं, लेकिन जनता किन मुद्दों पर वोट देगी. ये जानने के लिए हमने AI पोल के दौरान सवाल किया कि उपचुनाव में यूपी का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा क्या रहेगा? जवाब में 40 प्रतिशत लोगों ने जाति को सबसे बड़ा मुद्दा बताया, वहीं 35 परसेंट लोगों के लिए रोजगार बड़ा मुद्दा है. जबकि, धर्म को 20 प्रतिशत लोगों ने बड़ा मुद्दा बताया और 5 प्रतिशत लोगों ने कुछ नहीं बताया.


क्या यूपी में जाति का मुद्दा धर्म पर भारी पड़ेगा?


वैसे ये बात जगजाहिर है कि चुनाव का अंत आते-आते तमाम बड़े मुद्दे फीके पड़ जाते हैं और धर्म और जाति का मुद्दा सबसे ऊपर आ जाता है. इसी से जुड़ा सवाल हमने AI पोल में रखा. हमने पूछा कि क्या यूपी में जाति का मुद्दा धर्म पर भारी पड़ेगा? इसके जवाब में 55 परसेंट लोगों ने कहा कि हां जाति का मुद्दा धर्म पर भारी पड़ेगा. वहीं, 40 परसेंट लोगों का कहना है कि जाति का मुद्दा धर्म पर भारी नहीं पड़ेगा और 5 परसेंट लोगों ने इस पर चुप रहना ही बेहतर समझा.


यूपी में मुख्यमंत्री की पहली पसंद कौन?


हमारे AI पोल का एक सवाल यह भी था कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए पहली पसंद कौन है? इस पर 58 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. वहीं, 40 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद अखिलेश यादव हैं. जबकि, सिर्फ 2 प्रतिशत लोगों ने BSP सुप्रीमो मायावती को मुख्यमंत्री पद की पहली पसंद बताया है.


उपचुनाव में किसको मिलेगी कितनी सीट?


AI पोल के सबसे बड़े सवाल में हमने पूछा कि उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं? इस सवाल के जवाब में मिले 30 लाख रुझानों के आधार पर उपचुनाव वाली 10 सीटों में से BJP गठबंधन को 6 और समाजवादी पार्टी के गठबंधन को 4 सीटें मिल सकती हैं. जबकि, अन्य का खाता नहीं खुलेगा.


यूपी में किन सीटों पर होने वाले हैं उपचुनाव


1. खैर, अलीगढ़
2. मिल्कीपुर, अयोध्या
3. कटेहरी, अंबेडकरनगर
4. मीरापुर, मुज़फ़्फ़रनगर
5. सीसामऊ, कानपुर
6. फूलपुर, प्रयागराज
7. ग़ाज़ियाबाद
8. मझवां, मिर्ज़ापुर
9. कुंदरकी, मुरादाबाद
10. करहल, मैनपुरी


अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर किसका पलड़ा भारी?


4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो एक सीट की चर्चा संसद से लेकर सड़क तक होने लगी और वो सीट अयोध्या है. जिस अयोध्या में BJP ने राम मंदिर का निर्माण करवाया. उसी अयोध्या से BJP लोकसभा चुनाव हार गई. और अब अयोध्या की एक विधानसभा सीट मिल्कीपुर पर पूरे देश की नजर है, क्योंकि मिल्कीपुर के विधायक अवधेश प्रसाद अब सांसद बन चुके हैं. इस सीट का हाल जानने के लिए लिए हमने AI पोल में लोगों से पूछा कि इस बार अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट से कौन किस पर भारी पड़ेगा.


इसके जवाब में हैरान करने वाला नतीजा सामने आया. पोल में शामिल 52 प्रतिशत लोगों की राय है कि मिल्कीपुर में BJP आगे है, जबकि 48 प्रतिशत लोगों की राय है कि समाजवादी पार्टी मिल्कीपुर में आगे है. यहां दोनों पार्टियों के बीच सिर्फ 4 प्रतिशत का अंतर है. यानी अयोध्या के बाद मिल्कीपुर की लड़ाई दिलचस्प होने वाली है, क्योंकि उपचुनाव तक इन आंकड़ों में बदलाव हो सकता है.


योगी आदित्यनाथ का कामकाज कैसा?


AI पोल में हमने ये जानने की कोशिश की कि मौजूद मुख्यमंत्री का कामकाज कैसा है? इसके जवाब में 19 प्रतिशत लोगों ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कामकाज बहुत बेहतर है. वहीं, 68 प्रतिशत लोगों ने मुख्यमंत्री के कामकाज को संतोषजनक बताया, जबकि 11 प्रतिशत की नजर में योगी आदित्यनाथ का कामकाज खराब रहा. तो वहीं 2 प्रतिशत लोगों ने कोई राय नहीं दी.


सीएम के तौर पर किसका कार्यकाल बेहतर?


चुनावों के नतीजे नेताओं के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड माने जाते हैं और इसी से जुड़ा एक सवाल हमने लोगों से किया. सवाल ये कि मुख्यमंत्री के तौर पर किसका कार्यकाल बेहतर रहा? इस मुकाबले में योगी आदित्यनाथ बाकी नेताओं से काफी आगे दिखे. पब्लिक के बोल की माने तो 58 परसेंट लोग मानते हैं योगी आदित्यनाथ का कार्यकाल बेहतर रहा. वहीं, 23 परसेंट लोग अखिलेश यादव के कार्यकाल को बेहतर बताते हैं. जबकि, 19 परसेंट लोगों का कहना है कि बतौर मुख्यमंत्री मायावती का कार्यकाल बेहतर था.


विकास के मुद्दे पर कौन बेहतर सीएम?


मंत्रियों और नेताओं के भाषण में अक्सर एक शब्द की चर्चा सबसे ज्यादा होती है और वो शब्द है विकास. तो हमने भी अपने पोल में विकास से जुड़ा सवाल किया. सवाल ये कि विकास के मुद्दे पर कौन मुख्यमंत्री बेहतर है? इसके जवाब में 65 प्रतिशत लोगों माना कि योगी आदित्यनाथ ने राज्य में विकास का काम किया है. वहीं, 25 प्रतिशत लोगों की राय है कि अखिलेश यादव ने विकास का काम करवाया था. जबकि, 10 प्रतिशत लोगों की राय है कि मायावती के राज में विकास सबसे तेज हुआ था.


कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कौन बेहतर सीएम?


विकास के बाद बारी आई कानून की. ये वो मुद्दा है जिसकी कसौटी पर हर सरकार को परखा जाता है. हमने AI पोल में पूछा कि कानून के मुद्दे पर कौन मुख्यमंत्री बेहतर है? इस सवाल के जवाब में योगी आदित्यनाथ दूसरे नेताओं से काफी आगे दिखे और 70 परसेंट लोगों ने कहा कि कानून के मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ बेहतर मुख्यमंत्री हैं. वहीं, 17 प्रतिशत लोगों ने अखिलेश यादव को और 13 प्रतिशत लोगों ने मायावती को कानून के मुद्दे पर बेहतर मुख्यमंत्री बताया.