लखनऊ: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (New Farm Laws) के विरोध में पिछले 9 महीने से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के 'भारत बंद' से ठीक एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (Yogi Adityanath) ने बड़ा ऐलान किया. लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के किसान मोर्चा द्वारा आयोजित 'किसान सम्मेलन' को संबोधित करते हुए केंद्र और राज्‍य सरकारों द्वारा किसानों के हक में लागू की गई योजनाओं की चर्चा करते हुए सीएम योगी ने गन्‍ने का समर्थन मूल्य (Sugarcane MSP) बढ़ाने का ऐलान किया.


गन्ने का MSP में 25 रुपये की बढ़ोतरी


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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने 'किसान सम्मेलन' में कहा कि राज्य सरकार ने तय किया है कि गन्ने के समर्थन मूल्य में 25 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी. इसके बाद अब तक जिस गन्ने का प्रति क्विंटल 315 रुपये दाम मिलता था, वह 340 में बिकेगा. जिस गन्ने का मूल्य 325 था वह 350 रुपये में बिकेगा. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि नई तकनीक के साथ किसान को अत्याधुनिक बीज दें ताकि वे भी अगेती गन्ना का ही उत्पादन करने की दिशा में आगे बढ़ें.


टिकैत ने लगाया था ये आरोप


गौरतलब है कि केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले नौ महीने से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत में 27 सितंबर को 'भारत बंद' का ऐलान किया था. महापंचायत को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने वोट की चोट देने का आह्वान करते हुए कहा था, 'अब यह नारा लगाना पड़ेगा कि पूर्ण रूप से फसलों के दाम नहीं तो वोट नहीं.’ टिकैत ने आरोप लगाया था कि बसपा और सपा सरकारों में गन्‍ना मूल्‍य में वृद्धि हुई थी लेकिन किसान विरोधी भाजपा नीत सरकार ने चार साल में गन्‍ना मूल्‍य में एक रुपये की भी वृद्धि नहीं की.


सीएम योगी का जवाब


टिकैत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा था, 'ये दंगा करवाने लोग हैं और इनको यहां की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी. अगर कोई गुजरात या उत्तराखंड से चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बन जाता है तो हमें आपत्ति नहीं है लेकिन उत्तर प्रदेश की धरती पर इन दंगाइयों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.' मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने बिना किसी का नाम लिए मुजफ्फरनगर दंगों की याद दिलाते हुए कहा, 'मुजफ्फरनगर में 2013 के दंगे में मरने वाला कोई था तो किसान था. वहां जान गंवाने वाला कोई था तो किसान के बेटे थे, तब सरकार दंगाइयों का सम्मान कर रही थी लेकिन हमारी सरकार में साढ़े चार साल में कोई दंगा नहीं हुआ.'


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