नई दिल्ली: योगी सरकार (Yogi Government) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में महिलाओं के जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के खिलाफ एक अध्यादेश लेकर आई है. इसमें दो अलग धर्मों के लोगों के बीच होने वाले विवाह को भी रखा गया है और ऐसा अध्यादेश लाने वाला उत्तर प्रदेश, देश का पहला राज्य बन गया है. इसके तहत अगर दो अलग-अलग धर्मों के लोग आपस में विवाह करते हैं और जांच में ये पाया जाता है कि इस विवाह का मकसद धर्म परिवर्तन कराना था तो अपराधी को 1 से 10 वर्ष तक की सजा हो सकती है.


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-अपराध साबित होने पर 10 से 50 हज़ार रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है.


-अगर महिला सामान्य वर्ग से है तो अपराधी को 1 से 5 वर्ष की सज़ा होगी. अगर महिला नाबालिग है या फिर अनुसूचित जाति और जनजाति से है तो सज़ा 3 से 10 वर्ष के बीच होगी.


-सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने पर 3 से 10 वर्ष तक की सज़ा होगी.


-विवाह के लिए सहमति से धर्म परिवर्तन करने या कराने के लिए ज़िले के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी.


-DM की मंजूरी के बिना धर्म परिवर्तन करने पर 6 महीने से 3 वर्ष तक की सज़ा हो सकती है.


-गैरकानूनी धर्म परिवर्तन कराने वाले पर गैर ज़मानती धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा.


मध्य प्रदेश और हरियाणा में भी ऐसे ही कानून लाने की तैयारी
उत्तर प्रदेश ही नहीं मध्य प्रदेश और हरियाणा में भी ऐसे ही कानून लाने की तैयारी चल रही है. लेकिन उत्तर प्रदेश ने ये काम पूरे देश में सबसे पहले किया है और इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं. कानपुर में 23 नवंबर को उत्तर प्रदेश SIT ने लव जेहाद (Love Jihad) के 11 मामलों का खुलासा किया है. लव जेहाद के इन मामलों की सच्चाई जानने के लिए ZEE News की टीम कानपुर पहुंची. हमें वहां क्या पता चला ये हम आपको अपनी इस ग्राउंड रिपोर्ट में बताएंगे.


पहचान छिपाकर लव जेहाद को अंजाम दिया
ये कानपुर की उन बेटियों और परिजनों का दर्द है जिनके साथ धोखा हुआ है, हिंदू नाम रखकर, मंदिर जाकर, कलावा पहन अपनी पहचान छिपाकर मुस्लिम युवकों ने इनके साथ लव जेहाद को अंजाम दिया है. सबसे पहले बात हम फतेह खान की करते हैं जिसने आर्यन मल्होत्रा बनकर एक नाबालिग लड़की से पहले दोस्ती की और फिर उसके साथ बलात्कार किया.



अब हम आपको कानपुर के गोविंदनगर ले चलते हैं. यहां आरोपी नसीफ शाह ने बबुआ बनकर एक हिंदू लड़की को अपने घर ले गया और वहां पर जबरन उसके साथ निकाह किया. नफीस शाह ने जबरन लड़की का धर्म परिवर्तन भी करवाया. नफीस शाह पहले ही दो शादियां कर चुका है था.


लव जेहाद के एक मामले में मुख्तार अहमद ने अपनी पहचान को छुपाया और जिस लड़की से शादी की उसे अपना नाम राहुल सिंह बताया. मुख्तार अहमद पहले भी एक हिंदू लड़की से शादी कर चुका है.


सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी की पुष्टि
ज़ी न्यूज़ ने कानपुर में लव जिहाद के जिन मामलों की पड़ताल की उनमें एक पैटर्न साफ नज़र आया है कि सबसे पहले मुस्लिम लड़कों ने अपने धर्म की पहचान छिपाई. हिंदू रीति रिवाजों का पालन किया और जहां जरूरत पड़ी वहां जबरन धर्म परिवर्तन भी कराया.


ये लड़कियां कहीं बाहर से नहीं आई हैं, इनके भी वही अधिकार हैं जो बाकी लोगों के हैं, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इसकी पुष्टि की है. पुलिस की भी पुष्टि है. ये उन लोगों को जवाब है जो लव जेहाद के आरोपों को गलत बताते हैं.


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क्या इस्लाम धर्म परिवर्तन की इजाज़त देता है?
इस कानून का बहुत सारे लोग विरोध भी कर रहे हैं और इनमें ज्यादातर वो लोग हैं जो खुद को इस्लाम का ठेकेदार समझते हैं. लेकिन आज देश भर के मुसलमानों और बल्कि सभी धर्मों के लोगों को ये समझना चाहिए कि क्या इस्लाम धर्म परिवर्तन की इजाज़त देता है?


क़ुरान मुसलमानों का सबसे पवित्र धर्म ग्रंथ है. जिसमें धर्म परिवर्तन के विषय पर कई बातें लिखी हैं. लेकिन इसमें जो सबसे महत्वपूर्ण बात कही गई है वो ये है कि धर्म में ज़बरदस्ती की कोई गुंजाइश नहीं है. कुरान में कहा गया है कि किसी के साथ किसी भी प्रकार की ज़बरदस्ती इस्लाम में पूरी तरह से प्रतिबंधित है चाहे ये जबरदस्ती शादी के नाम पर की जाए या फिर प्यार के नाम पर.