UP Legislative Council Election 2023: उत्तर प्रदेश विधान परिषद (UP Legislative Council) की 5 सीटों पर हुए चुनाव में 4 सीटों पर बीजेपी (BJP) ने जीत हासिल कर ली है. इसमें 3 स्नातक और 2 शिक्षक निर्वाचन सीटें शामिल हैं. बता दें कि यूपी विधान परिषद के कानपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, बरेली-मुरादाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, कानपुर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और इलाहाबाद-झांसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए बीते 30 जनवरी को यूपी के 39 जिलों में वोटिंग हुई थी. सपा (SP) सभी सीटों पर पीछे चल रही है. वहीं, कानपुर शिक्षक एमएलसी सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार आगे है.


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गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक सीट पर BJP जीती


गोरखपुर-फैजाबाद खंड स्नातक चुनाव में बीजेपी की जीत हुई है. वहीं, इलाहाबाद-झांसी शिक्षक एमएलसी सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी बाबूलाल तिवारी ने 1403 वोटों से जीत हासिल की है. दूसरी वरीयता के वोटों की गिनती के बाद यहां हार-जीत का फैसला हुआ है.



कानपुर शिक्षक MLC सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी आगे


सूत्रों के मुताबिक, कानपुर शिक्षक एमएलसी सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी राज बहादुर चंदेल की जीत तय है. हालांकि, आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा होनी बाकी है. आधिकारिक ऐलान के बाद विजयी प्रत्याशी को सर्टिफिकेट दिया जाएगा.


बरेली-मुरादाबाद स्नातक सीट पर BJP का परचम


बरेली-मुरादाबाद खंड स्नातक निर्वाचन सीट पर बीजेपी प्रत्याशी डॉ. जयपाल सिंह विजयी घोषित कर दिए गए हैं. समाजवादी पार्टी के शिव प्रताप सिंह को जयपाल सिंह ने 51,257 वोटों से हराया. बीजेपी के जयपाल सिंह को 66,179 वोट मिले, जबकि सपा के शिव प्रताप सिंह ने महज 14,922 वोट पाए.


BJP को कानपुर स्नातक सीट पर मिली जीत


कानपुर स्नातक निर्वाचन सीट पर बीजेपी प्रत्याशी अरुण पाठक को जीत मिली है. अरुण पाठक को 62,501 वोट मिले हैं. उन्होंने 53,185 वोटों से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कमलेश यादव को हरा दिया है. एमएलसी चुनाव में यहां 6,728 वोट अवैध घोषित किए गए हैं.


सपा के लिए क्यों अहम था UP MLC चुनाव?


बता दें कि यूपी एमएलसी चुनाव समाजवादी पार्टी के लिए बेहद अहम था. अगर सपा 5 में से किसी एक सीट पर भी जीत दर्ज कर लेती तो वह यूपी विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद का दावा कर पाती. अभी 100 सदस्यों वाले इस सदन में समाजवादी पार्टी के 9 MLC हैं. नेता प्रतिपक्ष के पद को पाने के लिए किसी भी पार्टी के पास विधान परिषद में कम से कम 10 प्रतिशत संख्याबल होना चाहिए.


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