उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में दो सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका दिया है. मेरठ के दो वार्डों में बीजेपी को एकतरफा जीत मिली है और अब बस इसका ऐलान होना बाकी है. जानकारी के मुताबिक दोनों वार्डों में समाजवादी पार्टी अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं कर पाई, जिसकी वजह से बीजेपी को एकतरफा जीत हासिल हुई. मेरठ के वार्ड नंबर 26 में बीजेपी पार्षद सत्यपाल सिंह मास्टर निर्विरोध जीत गए. इस वार्ड में न तो समाजवादी पार्टी ने कोई उम्मीदवार खड़ा किया और न ही किसी दूसरी पार्टी ने यहां से अपना दावेदार पेश किया. ऐसे में बीजेपी को यहां फायदा हो गया.


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वार्ड नंबर 26 के अलावा वार्ड नंबर 78 में भी बीजेपी को एकतरफा जीत मिली है. यहां से बीजेपी प्रत्याषी रहे संदीप रेवड़ी ने निर्विरोध जीत दर्ज की है. इस सीट पर भी किसी पार्टी या किसी निर्दलीय ने दावेदारी नहीं की थी. दोनों सीटों पर जीत के बाद अब सिर्फ औपचारिक रूप से घोषणा होना बाकी है. 


बीजेपी के लिए ये एकतरफा जीत आगामी चुनाव में किसी संजीवनी से कम नहीं है. बीजेपी इसे निकाय चुनाव में मुद्दा बनाएगी. वो जनता तक ये संदेश पहुंचाने की कोशिश में होगी कि समाजवादी पार्टी या किसी अन्य विपक्षी पार्टियों को बीजेपी के खिलाफ नेता तक नहीं मिल रहे हैं. इससे जनता पर क्या असर होगा ये तो नतीजे ही बताएंगे. लेकिन इससे स्थानीय चुनाव दिलचस्प हो गए हैं.


मेरठ में नगर निगम का चुनाव 11 मई को होने वाला है. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने हरीकांत अहलूवालिया को अपना कैंडिडेट बनाया है. इसके अलावा समाजवादी पार्टी की तरफ से विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को मेयर उम्मीदवार बनाया गया है. हालांकि, इन दोनों उम्मीदवारों की परेशानी मायावती ने बढ़ा दी है. उन्होंने इस सीट पर हसमत अली को बसपा का उम्मीदवार बनाया है. माना जाता है कि इस क्षेत्र में मुस्लिम और एससी कोटे का वोट ज्यादा है.


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