Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर जारी विवाद के बीच यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का बयान सामने आया है. अखिलेश यादव ने कहा कि शिकायत रामचरितमानस से नहीं है, लेकिन जो गलत है वह गलत है. मैं आज भी हर दिन सुबह 1 घंटा भजन सुनता हूं. मुख्यमंत्री को तो सभी भजन याद होंगे. उनको सुनने की जरूरत नहीं है. भजन सुनने का वक्त भी उनको नहीं मिलता होगा. किसी को रामचरितमानस से शिकायत नहीं है, पर जो गलत है वह गलत है. इस बीच, आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने भी जाति व्यवस्था पर बयान दिया है, जिस पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने पलटवार किया है. आइए जानते हैं कि वार-पलटवार के इस खेल में जातीय गोलबंदी कैसे की जा रही है?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जाति पर छिड़ा विवाद!


जाति पर छिड़े विवाद के बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान आया है. संघ प्रमुख ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि जाति भगवान ने नहीं, पंडितों ने बनाई है. भ्रमित हो गए हैं. भ्रम दूर करना जरूरी है. बता दें कि मुंबई में संत रविदास जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत पहुंचे थे. यहां उन्होंने जाति व्यवस्था पर उठे विवाद पर बयान दिया. संघ प्रमुख ने कहा कि जिस वर्ण व्यवस्था में हिंदू समाज बंटा है. दरअसल वो भगवान ने नहीं, पंडितों की बनाई हुई है जो कि गलत है. हिंदू समाज में जातिवाद को लेकर भ्रमित किया गया और इस भ्रम को दूर करना जरूरी है.


स्वामी प्रसाद मौर्य का पलटवार


फिर RSS प्रमुख को सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने जवाब दिया. मौर्य ने कहा कि जाति-व्यवस्था को पंडितों ने बनाया है. RSS प्रमुख भागवत ने यह कहकर धर्म की आड़ में आदिवासियों, महिलाओं, दलितों और पिछड़ों को गाली देने वाले धर्म के तथाकथित ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी. अब तो कम से कम रामचरितमानस से आपत्तिजनक टिप्पणी हटाने को आगे आएं. अगर ये बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाएं और केंद्र सरकार से कहें. सिर्फ बयान देकर लीपापोती करने से बात नहीं बनेगी.


ओपी राजभर ने मौर्य पर बोला हमला


इसके अलावा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राम नाम जपना, पराया माल अपना. जब सत्ता में थे तो पिछड़ों की बात क्यों नहीं की? सत्ता से जाने के बाद पिछड़े याद आए हैं.


भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - अब किसी और की ज़रूरत नहीं