OP Rajbhar Amit Shah Meet: यूपी में कैबिनेट विस्तार कब होगा? एसबीएसपी के चीफ ओपी राजभर (OP Rajbhar) के लिए इसका इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच, ओपी राजभर आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने (Amit Shah-OP Rajbhar Meeting) पहुंचे. नए साल पर दोनों की मुलाकात हुई और उत्तर प्रदेश-बिहार के ताजा राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई. बताया जा रहा है कि शाह और राजभर की मीटिंग में लोकसभा चुनाव की तैयारियों सहित राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने के लिए प्रस्ताव और उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मंगाने पर चर्चा हुई.


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शाह और राजभर के बीच क्या हुई बातचीत?


जानकारी के मुताबिक, जाति प्रमाणपत्र के मामले पर भी राजभर और शाह में चर्चा हुई. दोनों ने बंजारा जाति के सामाजिक समस्याओं और गोंड-खरवार जाति के जातिप्रमाण पत्र सभी जिलों में जारी कराने पर भी बात की. इसके अलावा, शाह और ओपी राजभर ने वंचित शोषित वर्गों के हितों से जुड़े अन्य अहम मुद्दों पर भी सकारात्मक चर्चा की.


राजभर कब बनेंगे मंत्री?


बता दें कि ओपी राजभर को काफी समय से यूपी में मंत्री बनाए जाने का इंतजार है. पहले राजभर को उम्मीद थी कि घोसी उपचुनाव के बाद कैबिनेट विस्तार होगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब लोकसभा चुनाव के गुणा-गणित के बीच फिर राजभर को आस बंधी है कि योगी सरकार जल्द ही उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाएगी. इसको लेकर सियासी गलियों में अटकलें भी लग रही हैं. हालांकि, यूपी में कैबिनेट विस्तार कब होगा, इसको लेकर कोई संकेत नहीं है.


पूर्वांचल में है ओपी राजभर का जोर


गौरतलब है कि ओपी राजभर के समाज यानी राजभर का वोटबैंक यूपी में अच्छा खासा है. पूर्वांचल में कई सीटों पर राजभर समाज के वोट जीत-हार का फासला तय कर सकते हैं. एनडीए में ओपी राजभर की वापसी तो कई महीने पहले ही आधिकारिक तौर पर हो चुकी है. ऐसे में माना जा रहा है कि ओपी राजभर को एक बार फिर से मंत्री बनाया जा सकता है.


योगी सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके हैं ओपी राजभर


जान लें कि योगी सरकार के पिछले टर्म में ओपी राजभर मंत्री रह चुके हैं. हालांकि, बाद में खुद इस्तीफा देकर बीजेपी से दूर चले गए थे. इसके बाद 2022 का विधानसभा चुनाव उन्होंने अखिलेश यादव की पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था. लेकिन, फिर कुछ ही महीनों बाद राष्ट्रपति चुनाव से पहले राजभर ने सपा से दूरी बना ली थी और राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का साथ दिया था. तभी से ओपी राजभर के मंत्री बनने के कयास लगाए जा रहे हैं, जो अभी तक सच साबित नहीं हुए, कयास ही हैं.