UP Politics News In Hindi: यूपी की राजनीति में क्या बड़ा बदलाव होने जा रहा है? इसके कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि ओपी राजभर (OP Rajbhar) को मंत्री नहीं बनाया गया है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या ओपी राजभर फिर से पाला बदल लेंगे. 2024 के चुनाव से पहले क्या राजभर एनडीए का साथ छोड़ देंगे? इस बीच, ओपी राजभर ने कह दिया है कि उनके लिए ‘मंत्री पद ज्यादा महत्व नहीं रखता.’ उत्तर प्रदेश कैबिनेट में शामिल किए जाने की अटकलों के बीच एसबीएसपी चीफ का ये बयान सामने आया है. ओपी राजभर ने ऐसा क्यों कहा, इसके मायने समझते हैं.


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मंत्री नहीं बनाया तो क्या करेंगे राजभर?


भदोही में जब ओपी राजभर से पूछा गया कि अगर उन्हें मिनिस्टर नहीं बनाया गया तो क्या वे बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के साथ बने रहेंगे या कुछ और रास्ता भी है? इस पर ओपी राजभर ने कहा कि याद रखें जब मैं सपा के साथ था, तो मैंने कहा था कि भले ही हमें एक भी सीट नहीं मिले, लेकिन हम सपा के साथ रहेंगे.


राजभर को थी ये उम्मीद


हालांकि, इससे पहले 10 सितंबर को, ओपी राजभर ने भरोसा जताया था कि घोसी विधानसभा उपचुनाव हारने वाले बीजेपी के दारा सिंह चौहान के साथ उन्हें यूपी सरकार में मिनिस्टर बनाया जाएगा. 12 नवंबर को भी उन्होंने यही बात दोहराई.


'मंत्री पद हमारे लिए ज्यादा मायने नहीं रखता'


राजभर ने कहा, ‘मैंने पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की थी. कुछ चीजें हैं, जो पहले से ही तय हैं. 2024 के चुनाव में हम एनडीए के साथ हैं. मंत्री पद हमारे लिए ज्यादा मायने नहीं रखता. यह केवल एक साधन है.'


मंत्री पद के लिए क्या बोले राजभर?


ओपी राजभर ने कहा, ‘एक व्यक्ति, जिसने समाज के हित में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, उसके लिए मंत्री पद क्या ही महत्व रखता है?’ उन्होंने कहा कि एसबीएसपी यूपी में विस्तार कर रही है और सभी 75 जिलों में एक्टिव है.


गौरतलब है कि एसबीएसपी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में 6 सीटें जीतीं थी. हालांकि, उसी साल बाद में, राजभर की पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का सपोर्ट किया था, जबकि समाजवादी पार्टी यशवंत सिन्हा के समर्थन में थी.


फिर इसी साल जुलाई में एसबीएसपी औपचारिक रूप से एनडीए में शामिल हो गई थी. फिलहाल यूपी विधानसभा में एसबीएसपी के 6 विधायक हैं. एसबीएसपी ने 2017 में बीजेपी के साथ गठबंधन में यूपी विधानसभा चुनाव लड़ा था और चार सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और राजभर की पार्टी में खटास हो गई थी. दोनों की राहें अलग हो गई थीं.


(इनपुट- भाषा)