मो. गुफरान/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) का शिकंजा माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ कसता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उसके पंजाब से यूपी आने की तैयारियों के साथ-साथ कोर्ट में भी उसके खिलाफ मजबूत पैरवी के लिए सरकारी अधिवक्ता तैयार हैं. इसके लिए बाकायदा पुराने मामलों की लिस्ट देखी जा रही है और केसों की मौजूदा स्थिति का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है.


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प्रयागराज के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के खिलाफ 10 संगीन मामलों की सुनवाई चल रही है. जिनमें मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज 2009 के मुकदमे में सुनवाई आखिरी दौर में है. सरकार की तरफ से कोर्ट में पैरवी कर रहे अधिवक्ता के मुताबिक़ इस दोहरे हत्याकांड में माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ ठोस साक्ष्य मिलें हैं, जिसमें अभियोजन की तरफ से मुख्तार के खिलाफ 15 गवाहों को पेश किया जा चुका है, माना जा रहा है कि इस मुकदमे में मुख्तार अंसारी को सजा हो सकती है. इसके अलावा 6 ऐसे मामले हैं, जिनमें लगातार गवाही चल रही है. साथ ही 3 ऐसे मामले हैं जिनमें एफआईआर के आधार पर चार्जेस तय किए जाने हैं.


व्हील चेयर पर कोर्ट में पेश हुआ मुख्तार अंसारी, कोर्ट ने वापस भेजा रोपड़ जेल


कई मामलों में सुनवाई आखिरी दौर में
लंबे समय से माफिया मुख्तार अंसारी द्वारा लगातार बीमारी का बहाना बनाकर कोर्ट का समय जाया किया जा रहा था, लेकिन योगी सरकार के सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी के बाद उसके यूपी आने का रास्ता साफ हो गया है. जिसके बाद माना जा रहा है कि प्रयागराज के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रहे इन मुकदमों में अब तेजी आएगी. सरकार की तरफ से एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में पैरवी कर रहे डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरी बताते हैं कि लंबे समय तक मुख्तार अंसारी की इन मुकदमों में कोर्ट में तलबी आदेशों के बावजूद पेशी नहीं होने के कारण सुनवाई में अड़चनें आ रही थीं, लेकिन उसके यूपी आने के साथ ही इन मुकदमों में तेजी आएगी और खास करके जो मामलों की सुनवाई आखिरी दौर में है उन मामलों में उसको सजा के अंजाम तक भी पहुंचाया जा सकता है.


क्या कहा मोहाली कोर्ट ने?
यूपी में एक बिल्डर से रंगदारी मांगने के मामले में आज मुख्तार अंसारी को मोहाली कोर्ट में पेश किया गया. मुख्तार को यूपी नंबर की एम्बुलेंस से रोपड़ जेल से कोर्ट लाया गया गया. वह व्हील चेयर पर कोर्ट पहुंचा. उसने कोर्ट को हवाला दिया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं रहती है. जिरह सुनने के बाद कोर्ट ने मुख्तार को वापस रोपड़ जेल भेज दिया. मामले में अगली पेशी अब 12 अप्रैल को होगी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते दिए आदेश में पंजाब सरकार को कहा था कि मुख्तार को 2 हफ्ते के अंदर यूपी सरकार को सौंप दें.


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एमपी-एमएलए कोर्ट में जो 10 केस पेंडिंग


1. मुख्तार अंसारी के खिलाफ सबसे बड़ा मुकदमा मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज दोहरे हत्याकांड का है. साल 2009 में ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ़ मन्ना की दिन दहाड़े बाइक सवार हमलावरों ने एके 47 का इस्तेमाल कर हत्या कर दी थी. हत्या का आरोप माफ़िया मुख्तार अंसारी पर लगा था. इस मर्डर केस में मन्ना का मुनीम राम सिंह मौर्य चश्मदीद गवाह था. गवाह होने के चलते राम सिंह मौर्य को सतीश नाम का एक गनर भी दिया गया था. सालभर के अंदर ही आरटीओ ऑफिस के पास राम सिंह मौर्य और गनर सतीश को भी मौत के घाट उतार दिया गया था. इसमें भी मुख्तार अंसारी और उसके करीबियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. इस मुक़दमे का ट्रायल अब आख़िरी दौर में है और अगले कुछ महीने बाद ही फैसला आ सकता है. इस मामले में मुख़्तार पर जेल में रहते हुए हत्या की साजिश रचने का आरोप है.


2. हत्या का एक और मुकदमा वाराणसी के चेतगंज थाने में दर्ज है. इसमें मुख्तार अंसारी पर कांग्रेस नेता अजय राय के भाई की हत्या का आरोप है. यह मुकदमा इस वक़्त गवाही में चल रहा है. कांग्रेस नेता अजय राय इस मामले में वादी और गवाह दोनों हैं. इस मामले में भी तेजी से सुनवाई हो रही है.


3. तीसरा मुकदमा आजमगढ़ जिले में हुई हत्या से जुड़ा हुआ है. मुख्तार पर इस मामले में भी आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या और 120B यानी साजिश रचने का है. इस मामले की एफआईआर आजमगढ़ के तरवा थाने में दर्ज हुई थी. मुकदमा यूपी सरकार बनाम राजेंद्र पासी व अन्य के नाम से चल रहा है. हालांकि इस मामले में अभी मुख्तार पर आरोप तय नहीं हुए हैं.


4. मुख्तार के खिलाफ चौथा मुकदमा हत्या के प्रयास से जुड़ा हुआ है. यह मामला गाज़ीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में आईपीसी की धारा 307 और 120B के तहत दर्ज हुआ था. मुक़दमे की प्रक्रिया साल 2010 में ही शुरू हो गई थी. इसमें मुख्य आरोपी सोनू यादव केस से बरी हो चुका है. मुख्तार का मामला अभी ट्रायल की स्टेज पर है और काफी दिनों से सुनवाई बंद है.


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5. मुख्तार के खिलाफ पांचवा मामला फर्जी शस्त्र लाइसेंस हासिल करने से जुड़ा हुआ है. यह मुकदमा गाज़ीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज हुआ था. इसमें मुख्तार के खिलाफ दो केस दर्ज हुए हैं. पहला आईपीसी की धारा 419- 420 और 467 यानी धोखाधड़ी व फर्जीवाड़े का है तो दूसरा आर्म्स एक्ट से जुड़ा हुआ है. इस मामले में अभी मुख्तार पर अदालत से आरोप तय होना बाकी है. आरोप तय होने के बाद ही ट्रायल यानी मुकदमा शुरू होगा.


6. मुख्तार के खिलाफ 6वां मुकदमा वाराणसी के भेलूपुर थाने में धमकी देने से जुड़ा हुआ है. यह मुकदमा साल 2012 से शुरू हुआ है. इसमें आईपीसी की धारा 506 के तहत एफआईआर दर्ज है. इस मामले में अभी मुख्तार पर आरोप तय नहीं हुए हैं. मुक़दमे का केस नंबर 354/12 है.


7. मुख्तार के खिलाफ प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में गैंगस्टर के चार मुक़दमे चल रहे हैं. इन चारों में आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं. अदालत ने चारों मामलों में मुख्तार पर आरोप भी तय कर दिए हैं. चार में से तीन मामले गाज़ीपुर जिले के अलग-अलग थानों के हैं, जबकि चौथा मऊ जिले का है. पहला मामला गाज़ीपुर के कोतवाली थाने का है. इस मामले में आरोप पत्र दाखिल हैं और मामला साक्ष्य यानी ट्रायल के स्तर पर है, मुक़दमे का नंबर 7/12 है.


8. मुख्तार के खिलाफ 8वां मामला भी गैंगस्टर का ही है. यह मामला गाज़ीपुर के करांडा थाने से जुड़ा हुआ है. इस मामले में आरोप तय हैं और मुक़दमे का ट्रायल पेंडिंग है. स्पेशल ट्रायल के इस मुक़दमे का नंबर 557/12 है.


9. मुख्तार के खिलाफ 9वां मामला भी गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई कार्रवाई का ही है. इस मामले में गाज़ीपुर के मोहम्मदाबाद कोतवाली में केस दर्ज किया गया था. यह मुकदमा भी ट्रायल के लेवल पर है, इसका केस नंबर 90/12 है.


10. मुख्तार के खिलाफ 10वां और आख़िरी मुकदमा भी गैंगस्टर एक्ट का ही है. इस मामले में मऊ जिले के दक्षिण टोला थाने में केस दर्ज है. मुक़दमे का ट्रायल साल 2012 में शुरू हुआ था. इस मामले में अदालत से मुख्तार पर आरोप तय हो चुके हैं, इस मुक़दमे का नंबर 2/12 है.


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इस अकेले केस में मुख्तार है वादी
इसके साथ स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में मुख्तार का एक और मामला विचाराधीन है. इस मुक़दमे में मुख्तार अंसारी आरोपी नहीं बल्कि वादी है. यह मामला जुलाई साल 2001 का है. मुख्तार अंसारी ने ग़ाज़ीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में माफिया बृजेश सिंह और अन्य के खिलाफ जानलेवा हमला करने समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया था. इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट वाराणसी जेल में बंद बृजेश सिंह की जमानत की अर्जी को खारिज कर चुका है. इस मामले में ट्रायल रुका हुआ है, गवाही शुरू कराने की मांग को लेकर मुख्तार अंसारी की तरफ से स्पेशल कोर्ट में पिछले महीने ही एक अर्जी दाखिल की गई थी.


क्या है यूपी पुलिस की तैयारी?
वहीं मामले में यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार का बयान आया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अंसारी को यूपी लाने की सरकार ने अपनी से तैयारी पूरी कर ली हैं. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश है उसका अनुपालन किया जा रहा है. मुख्तार के यूपी लाने के बाद उसके खिलाफ जो मामले है उसमें जल्द-जल्द तमाम गवाह पेश किए जाएंगे ताकि उसे जल्द से जल्द सज़ा मिल सके.


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