पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान एएमयू से पढ़कर निकले. वह 14 अगस्त 1947 से 16 अक्टूबर 1951 तक पाकिस्तान के पीएम रहे. बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी.
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नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बेमिसाल 100 साल पूरे हो चुके हैं. यूनिवर्सिटी के इस शताब्दी समारोह में आज पीएम मोदी बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने वाले हैं. वे वर्चुअली इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे. साथ ही, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशांक भी पीएम के साथ कार्यक्रम में मौजूद होंगे. बता दें, 56 साल में यह पहली बार है कि कोई प्रधानमंत्री एएमयू के समारोह में शामिल होगा. इससे पहले 1964 में लाल बहादुर शास्त्री ने दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया था.
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AMU ने देश-दुनिया को दिए कई रत्न
जानकारी के मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले कई ऐसे दिग्गज हैं, जिन्होंने देश में ही नहीं दुनिया में भी अपना परचम लहराया है. इस विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करने के बाद यहां के विद्यार्थी प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट बनने के साथ दूसरे देशों में भी प्राइम मिनिस्टर के पद तक पहुंचे हैं. गौरतलब है कि देश के तीसरे राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन और खान अब्दुल गफ्फार खान को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है. एएमयू से पढ़े हामिद अली देश के उप राष्ट्रपति रहे तो पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान ने 1913 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करी थी.
इतना ही नहीं, देश के नामचीन लेखकों, शायरों और बड़ी हस्तियों का नाम भी एएमयू से जुड़ा है. पूर्व क्रिकेटर लाला अमरनाथ, कैफी आजमी, राही मासूम रजा, मशहूर गीतकार जावेद अख्तर के साथ ही फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने भी एएमयू से पढ़ाई की.
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AMU ने पाकिस्तान को दिया पहला PM और दूसरा प्रेसिडेंट
पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान एएमयू से पढ़कर निकले. वह 14 अगस्त 1947 से 16 अक्टूबर 1951 तक पाकिस्तान के पीएम रहे. बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी. उन्होंने यूनिवर्सिटी से B.Sc और LLB किया. इसके बाद लॉ में उच्च शिक्षा लेने के लिए वह Oxford चले गए. पाकिस्तान के दूसरे राष्ट्रपति अयूब खान का भी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से नाम जुड़ा था.
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1 दिसंबर 1920 को स्थापित हुआ था AMU
मोहम्मद एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज 1 दिसंबर, 1920 को एएमयू बनाने के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इसके बाद 17 दिसंबर को तत्कालीन कुलपति मोहम्मद अली मोहम्मद खान राजा साहब ने औपचारिक रूप से एएमयू की शुरुआत की. बता दें, यहां सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं.
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