आगरा के जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने बताया कि अस्पताल में 55 मरीज भर्ती हैं, जिन्हें सीएमओ की टीम शिफ्ट कराएगी. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से 22 मरीजों की मौत की बात निराधार है.
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आगरा: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन संकट में मॉकड्रिल का कथित वीडियो वायरल होने के बाद चर्चा में आए आगरा के पारस अस्पताल को सील कर दिया गया है. इसके संचालक डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ महामारी अधिनियम में केस भी दर्ज कर लिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया था.
डीएम ने ऑक्सीजन की कमी से 22 मरीजों की मौत की बात नकारी
आगरा के जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने बताया कि अस्पताल में 55 मरीज भर्ती हैं, जिन्हें सीएमओ की टीम शिफ्ट कराएगी. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से 22 मरीजों की मौत की बात निराधार है. अस्पताल में हुई सभी मौतों का सीएमओ टीम से ऑडिट कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि तथाकथित वायरल वीडियो में कहा गया है कि मोदीनगर ड्राई हो गया है. इससे जन सामान्य में भय फैला. यह कृत्य महामारी में ठीक नहीं है.
कुल 4 वीडियो वायरल हुए हैं जिनमें मॉकड्रिल की बात की जा रही
चार वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें बताया जा रहा है कि आगरा और प्रदेश में जब कोरोना पीक पर था और चारो तरफ ऑक्सीजन की किल्लत थी तो अस्पताल के मालिक डॉक्टर अरिंजय जैन ने 26 अप्रैल को 5 मिनट के लिए मॉक ड्रिल की. इस दौरान 22 मरीजों की मौत हो गई. उस वक्त अस्पताल में 96 मरीज भर्ती थे. यह मॉक ड्रिल उन मरीजों पर एक प्रयोग था, जिनकी हालत बेहद नाजुक थी.
हमने ने 26-27 अप्रैल के मृतकों का ब्योरा भी जारी किया: अस्पताल
आगरा डीएम ने कहा कि 26 अप्रैल को 149 ऑक्सीजन सिलिंडर, 27 अप्रैल को 121 व 28 अप्रैल को 117 सिलिंडर पारस अस्पताल को दिए गए थे. अस्पताल के पास 16 सिलिंडर रिजर्व थे. ऐसे में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी. उधर, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि ऑक्सीजन बंद करने का कोई मॉकड्रिल नहीं हुआ है. अस्पताल ने 26-27 अप्रैल के मृतकों का ब्योरा भी जारी किया है.
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