Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेस वे के लिए अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे के लिए किसानों ने संघर्ष किया. किसान 14 साल तक संघर्ष करते रहे और सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई और उन्हें मुआवाजा मिलेगा. किसानों के 14 सालों का संघर्ष रंग लाया, लंबी लड़ाई के बाद अब मोटा मुआवजा
आगरा के एत्मादपुर विधानसभा में पड़ने वाले गांव-गांव के किसानों ने सुप्रीम कोर्ट में भी अपनी लड़ाई लड़ा.
अब नेशनल कंपनी लॉ अपील ट्रिब्यूनल ने भी अपना निर्णय किसानों के पक्ष में दिया है. दो माह के भीतर लगभग 200 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों में बांटा होगा.
जानकारी दी गई कि जेपी ग्रुप जोकि यमुना एक्सप्रेसवे का निर्माण करने वाली कंपनी है उसके साथ किसानों ने अपना केस हाईकोर्ट में जीता.
जेपी ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दाखिल की. जहां निर्णय किसानों के पक्ष में रहा. कंपनी ने कंपनी ल़ॉ में अपनी अपील दी जहां किसानों की ही जीत हुई.
अब एक्सप्रेसवे की कमान सुरक्षा कंपनी द्वारा संभाली जा रही है. यमुना विकास प्राधिकरण के ऑफिसर ने भी मुआवजे पर अपनी सहमति जाहिर कर दी है.
21 जून को यमुना प्राधिकरण की बोर्ड मीटिंग में अंतिम मुहर लगा दी जाएगी. मुआवजे का भुगतान चार किस्तों में किया जाना तय किया गया है.
यमुना एक्सप्रेस वे को बनाने के समय अधिग्रहीत भूमि के बाद भी एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र के कई ऐसे किसान थे जिनको मुआवजा ह नहीं दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के साथ ही हाईकोर्ट से भी किसानों के पक्ष में निर्णय लिए जाने पर नेशनल कंपनी लॉ अपील ट्रिब्यूनल का रुख जेपी ग्रुप ने किया ने किया लेकिन फिर भी उसके हाथ कुछ नहीं लगा.