UP News: मेरठ-अलीगढ़ से मथुरा तक खत्म होगा महाजाम, रिंग रोड के मास्टरप्लान पर काम तेज
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UP News: मेरठ-अलीगढ़ से मथुरा तक खत्म होगा महाजाम, रिंग रोड के मास्टरप्लान पर काम तेज

Ring Road Projects : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी यूपा के शहरों को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए इनर रिंग रोड बनाने का फैसला किया है. इसलिए मुख्यमंत्री ने कोर्ययोजना तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए है. 

ttar pradesh ring roads project

Uttar Pradesh Ring Road Project : उत्तर प्रदेश के सभी शहरों को जाम मुक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दे दिए है और कहा है कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए शहरों के मास्टरप्लान बनाया जाएं . पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार देने के लिए खुर्जा और बुलंदशहर को मिलाकर एक विकास प्राधिकरण बनाया जाएंगा. मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर बुधवार को गोरखपुर, आजमगढ़, मेरठ, अलीगढ़ और मथुरा वृंदावन के मास्टर प्लान के प्रेजेंटेशन देखे थे.  

उन्होनें कहा कि योजनाएं दूरदर्शी होना चाहिए. सभी शहरों में बेहतर प्लानिंग के साथ इनर रिंग रोड बनाए जाएं. इनर रिंग रोड का विकास होने से शहरों के भीतर के ट्रैफिक को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. जाम से निजात और बेहतर कनेक्टिविटी की स्थिति में निवेश के लिए भी यहां पर निवेशक पहुंच सकेंगे. 

नगर के कंजेशन को दूर करने के लिए यह आवश्यक है कि रिंग रोड के किनारे पर अलग-अलग व्यवासायिक गतिविधियों का विकास करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. महायोजना में शामिल नई कॉलोनी के विकास पर भी ध्यान दे. वहां सड़क, सीवर, पानी, जैसी सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता हो. 

खुर्जा, बुलंदशहर और मुरादाबाद में होगा विकास
मुख्यमंत्री के समक्ष खुर्जा, बुलंदशहर और मुरादाबाद विकास प्राधिकरणों की जीआईएस आधारित महायोजना-2031 का प्रस्तुतीकरण किया जाए. विकास के लिए दीर्घकालिक योजनाएओं को बनाने और उनके बेहतर क्रियान्वयन के लिए दोनों को मिलकर एक बड़ा विकास प्राधिकरण बनाया जाए और यह काम तेजी से पूरा किया जाए.

तीन आर पर दिया जाएंगा ध्यान 
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिड्यूज, रियूज और रिसाइकिल की नीति के साथ सभी नगरों में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ठोस कार्ययोजना होनी चाहिए. इसे महायोजना में स्थान मिलेगा. एसटीपी और सीईटीपी का निर्माण कराया जाए. सीमा विस्तार में शामिल नए गांवों को महायोजना में आबादी के रूप में ही दर्ज दिया जाए. किसी भी दशा में इसे ग्रीन बेल्ट न कहा जाए. इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद कर आवश्यक कार्वराई आगे बढ़ाई जानी चाहिए. 

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