अलीगढ़ (उप्र) : भाजपा के अलीगढ़ से सांसद सतीश गौतम ने एबीवीपी के छात्र नेता द्वारा एएमयू परिसर में तिरंगा यात्रा आयोजित करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करने पर शुक्रवार को एएमयू प्रशासन की निन्दा की. गौतम ने संवाददाताओं से कहा कि यह उचित नहीं है और नोटिस वापस लिया जाना चाहिए, लगता है कि एएमयू के अधिकारी अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं.


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दरअसल एएमयू प्रशासन ने छात्र नेता अजय सिंह को परिसर में 22 जनवरी को तिरंगा यात्रा, जिसे प्रशासन अनधिकृत जुलूस कहता है, निकालने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नोटिस प्राक्टर प्रोफेसर मोहसिन खान ने जारी किया है. इसमें कहा गया कि जुलूस शिक्षण के समय निकाला गया.



इसमें कहा गया कि जुलूस में बड़ी संख्या में बाहरी लोग थे और इसमें असामाजिक तत्व भी शामिल थे। एएमयू ने जुलूस निकालने के लिए पूर्व अनुमति की अनिवार्यता कर रखी है वहीं अजय सिंह ने कहा कि उन्हें सूचित नहीं किया गया था कि यात्रा की अनुमति का आग्रह ठुकराया गया है.


छात्र नेता को नोटिस
एएमयू प्रशासन ने पिछले दिनों इजाजत लिये बगैर एएमयू परिसर में कथित तिरंगा यात्रा निकालने पर भाजपा के युवा संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े एक छात्र नेता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एएमयू के विधि संकाय के परास्नातक के छात्र अजय सिंह को नोटिस जारी करके पूछा गया है कि आखिर उसने किसकी इजाजत से परिसर में बड़ी संख्या में मोटरसाइकिल सवार युवकों को लाकर तिरंगे के नाम पर यात्रा निकाली और विश्वविद्यालय के माहौल को खराब करने की कोशिश की.


एएमयू के एक प्रवक्ता ने बताया कि अजय के दादा भाजपा के विधायक रह चुके हैं. उसने गत 22 जनवरी को एथलेटिक्स मैदान से यूनीवर्सिटी गेट तक यात्रा निकाली थी. इस यात्रा में बड़ी संख्या में मोटरसाइकिल सवार नौजवान शामिल थे. अजय का कहना है कि गणतंत्र दिवस के जश्न के तहत उसने ‘तिरंगा यात्रा‘ निकाली थी.


प्रवक्ता ने कहा कि एएमयू में गणतंत्र दिवस का जश्न एक सप्ताह तक मनाया जाता है, लेकिन अजय का मोटरसाइकिल जुलूस राजनीति से प्रेरित है और यह तिरंगा यात्रा की आड़ में विश्वविद्यालय के छात्रों के ध्रुवीकरण की कोशिश थी. उन्होंने कहा कि एएमयू प्रशासन ने परिसर में शांति बनाये रखने के लिये किसी भी तरह का जुलूस निकालने से पहले इसकी इजाजत लेना अनिवार्य कर दिया है. अजय को जारी नोटिस में एएमयू के प्रॉक्टर प्रोफेसर मोहसिन खान ने कहा है कि जुलूस उस वक्त निकाला गया जब कक्षाओं में विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे थे। इसके अलावा यात्रा में बड़ी संख्या में बाहरी और असामाजिक तत्व भी शामिल थे.