Allahabad High Court: लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे कपल्स को एक बड़ा झटका मिला है. इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहना है लिव इन रिलेशनशिप अक्सर टाइमपास होते हैं. इन तरह के रिश्तों में कोई ईमानदारी, स्थिरता नहीं होती. इन टिप्पणियों के साथ हाईकोर्ट ने इंटर फेथ लिव इन कपल को पुलिस प्रोटेक्शन देने से मना कर दिया. दरअसल, हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी. मामले में लड़की के घर वालों ने लड़के के खिलाफ IPC की धारा 366 के तहत FIR दर्ज कराया था. लडकी वालो का कहना है कि लड़का गैंगस्टर और आवारा किस्म का है. वह लड़की की जिंदगी और भविष्य दोनों को बरबाद कर देगा. इसके बाद कपल्स ने FIR रद्द करने की मांग की.


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क्या है मामला 
हिंदू लड़की और एक मुस्लिम लड़के ने कोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा की मांग की थी. दरअसल, मामले में लड़की के घर वालों ने लड़के के खिलाफ IPC की धारा 366 के तहत FIR दर्ज कराया था. लडकी के घर वालो का कहना है कि लड़का गैंगस्टर और आवारा किस्म का है. लड़के के ऊपर पहले से ही यूपी गैंगस्टर एक्ट की धारा 2,3 के तहत FIR दर्ज है. वो एक रोड-रोमियो है. इसका खुद कोई भविष्य नहीं है वो निश्चित तौर पर लड़की की जिंदगी बर्बाद ही कर देगा. इसके बाद कपल्स ने FIR रद्द करने की मांग की. और मामला यहां तक आ गया.


अदालत ने क्या कहा
इस तरह के रिश्तों में स्थिरता और ईमानदारी की जगह मोह ज्यादा होती है. जब तक कि कपल शादी करने का फैसला नहीं कर लेता और अपने रिश्ते को नाम नहीं दे देता या वे एक-दूसरे के प्रति ईमानदार नहीं हो जाते, तब तक कोर्ट इस तरह के रिश्ते पर कोई भी राय व्यक्त करने से परहेज करेगा.


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