कोर्ट का फैसलाः नाबालिग ने की है अपनी मर्जी से शादी, तो बालिग होने तक नहीं रह सकती पति के साथ
कोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है सरकार लड़की को पति से अलग, एक सुरक्षित स्थान पर रहने और सारी सुविधाएं देने की व्यवस्था करें. कोर्ट का आदेश है कि इस दौरान लड़की एक महिला मजिस्ट्रेट की निगरानी में रहेगी.
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग की शादी को लेकर एक अहम फैसला दिया है. कोर्ट का कहना है कि अगर किसी नाबालिग लड़की ने अपनी मर्जी से शादी की है, तो भी उसको अपने पति के साथ रहने का वैधानिक अधिकार नहीं है. लड़की जब तक बालिग नहीं हो जाती, तब तक उसे अपने पति के साथ रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. यह आदेश जस्टिस जे.जे. मुनीर की सिंगल बेंच ने हापुड़ के प्रमोद तोमर और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.
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माता-पिता को छोड़कर पति के साथ रहना चाहती थी
प्रमोद तोमर ने जो याचिका दायर की थी, उसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट हापुड़ के आदेश को चुनौती दी गई थी. जानकारी के मुताबिक, मजिस्ट्रेट ने नाबालिग लड़की को अपने पति के साथ रहने की छूट दे दी थी. इसके बाद लड़की ने माता-पिता के पास जाने से इनकार कर पति के साथ रहने की बात कही थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब नाबालिग लड़की को उसकी मर्जी से शादी कर पति के साथ रहने को विधि विरुद्ध माना है.
महिला मजिस्ट्रेट की निगरानी में रहेगी लड़की
इसके साथ ही, कोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है सरकार लड़की को पति से अलग, एक सुरक्षित स्थान पर रहने और सारी सुविधाएं देने की व्यवस्था करें. कोर्ट का आदेश है कि इस दौरान लड़की एक महिला मजिस्ट्रेट की निगरानी में रहेगी. इसके साथ ही कोर्ट ने जिला जज से कहा है कि वह किसी महिला मजिस्ट्रेट को महीने में एक बार लड़की से मिलने के लिए भेजते रहें.
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बालिग होने के बाद अपनी इच्छा से रह सकती है किसी के भी साथ
हाईकोर्ट का आदेश है कि जब लड़की बालिग हो जाए, तो वह अपनी पसंद से किसी के साथ भी रह सकती है. साथ ही, वह इस विवाह को मानने या शून्य घोषित करने के लिए आजाद होगी. इसके बाद कोर्ट ने SSP प्रयागराज को निर्देश दिया कि लड़की को सुरक्षित हापुड़ के SP तक पहुंचाया जाए.
हाईस्कूल सर्टिफिकेट में 16 साल की है लड़की
गौरतलब है कि याची प्रमोद तोमर ने अपनी बेटी के किडनैप होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उनका आरोप था कि पिंटू नाम का एक व्यक्ति उनकी बेटी को भगाकर ले गया है. परिजनों ने कोर्ट में लड़की के हाईस्कूल का सर्टिफिकेट पेश किया था, जिसमें लड़की नाबालिक पाई गई थी. उसकी उम्र 16 साल थी. लेकिन लड़की ने मजिस्ट्रेट को दिए गए बयान में कहा था कि वह पिंटू से अपनी इच्छा से शादी कर रही है और उसी के साथ रहना चाहती है. इसके बाद मजिस्ट्रेट ने भी उसे पति के साथ रहने की मंजूरी दे दी, जिसे पिता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने इसपर सुनवाई करते हुए मजिस्ट्रेट का आदेश रद्द कर दिया और विवाह को शून्य माने जाने का आदेश दिया है.
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