Republicans win 218 US House seats: अमेरिका में इस बार डोनाल्ड ट्रंप की आंधी चली. नतीजा यह रहा कि कमला हैरिस को बहुत ही ऐतिहासिक हार का सामना करना पड़ा. ट्रंप की पार्टी ने सीनेट पर तो कब्जा कर लिया था, अब निचले सदन में भी अपना डंका बजा दिया है. यानी अब ट्रंप के हाथ पूरी तरह खुले हैं. समझे पूरा मामला.
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Donald Trump and the party control of government: रिपब्लिकन पार्टी ने अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में 218 सीट जीत ली हैं और इसी के साथ सत्ता पर पार्टी की पूरी तरह से पकड़ हो गई है. एरिजोना और कैलिफोर्निया में निचले सदन की सीट पर जीत के साथ ही रिपब्लिकन पार्टी को प्रतिनिधि सभा में 218 सीट पर जीत मिल गई, जो बहुमत के बराबर है. रिपब्लिकन पार्टी ने सीनेट पर पहले ही नियंत्रण हासिल कर लिया है.
अब ट्रंप को बचाने के लिए पूरी फौज तैयार
रिपब्लिकन पार्टी के नेता और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार सुबह संसद भवन परिसर में प्रतिनिधि सभा के सदस्यों से मुलाकात की. सदन में ट्रंप के सहयोगी पहले ही संकेत दे चुके हैं कि सत्ता से बाहर रहने के दौरान ट्रंप ने जिन कानूनी परेशानियों का सामना किया है वे उनसे निपटने में पार्टी नेता का साथ देंगे. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने बुधवार को कहा कि वह अटॉर्नी जनरल के पद के लिए प्रतिनिधि मैट गेट्ज को नामित करेंगे जो उनके बेहद करीबी हैं.
ट्रंप को मिलेगी बेशुमार पवार?
न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, रिपब्लिकन नेता संघीय सरकार को उखाड़ फेंकने और देश के लिए ट्रंप के दृष्टिकोण को तेजी से लागू करने के लिए जनादेश की कल्पना कर रहे हैं. आने वाले राष्ट्रपति ने देश के सबसे बड़े निर्वासन अभियान को अंजाम देने, कर छूट बढ़ाने, अपने राजनीतिक दुश्मनों को दंडित करने, संघीय सरकार के सबसे शक्तिशाली उपकरणों पर नियंत्रण करने और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नया रूप देने का वादा किया है. जीओपी चुनाव की जीत सुनिश्चित करती है कि कांग्रेस उस एजेंडे पर सवार होगी, और डेमोक्रेट इसे रोकने के लिए लगभग शक्तिहीन होंगे.
2016 में कम थी ताकत
जब ट्रंप 2016 में राष्ट्रपति चुने गए थे, तब रिपब्लिकन ने कांग्रेस में भी जीत हासिल की थी, लेकिन फिर भी उन्हें अपने नीतिगत विचारों के प्रति प्रतिरोधी रिपब्लिकन नेताओं का सामना करना पड़ा, साथ ही सुप्रीम कोर्ट में उदार बहुमत था. इस बार ऐसा नहीं हुआ है. ट्रंप जब अब व्हाइट हाउस लौटेंगे, तो ट्रंप खुलेतौर अपने विजन को देश में लागू कर पाएंगे. उनका विरोध अब विरोधी पार्टी लेबल पर उस तरह नहीं कर पाएंगे, क्योंकि उनके पास अब बहुमत ही नहीं है.