प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने इफको के रिटायर अधिकारी सहित कइयों से करोड़ों की ठगी के आरोपी योगेश कुमार तिवारी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. ये आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने योगेश तिवारी के लंबे आपराधिक इतिहास और मामले की गंभीरता को देखते हुए दिया है.


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धोखे से कराए थे सादे कागज पर हस्ताक्षर
जानकारी के मुताबिक इफको के रिटायर अधिकारी प्रभाष चंद्र गुप्ता ने अपने बेटों के नाम पर जमीन खरीदी थी. इस जमीन को योगेश तिवारी ने बड़े प्रोजेक्ट में शामिल कराने का लालच लेकर सादे कागजात पर साइन करा लिए और जमीन पर कब्जा कर लिया. जब प्रभाष ने विरोध किया तो उसको जान से मारने की धमकी दी गई. 


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पुलिस की जांच में योगेश तिवारी बहुत ही शातिर है और कई कई अफसरों के नाम पर भी करोड़ों की ठगी कर चुका है. ये भी पता चला है कि उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. कई लोगों की संपत्तियों पर कब्जा भी किया है.


योगेश तिवारी का 80 मामलों का आपराधिक इतिहास 
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान कहा गया कि याची को इस मामले में झूठा फंसाया गया है. उसके 45 मामलों के आपराधिक इतिहास के सम्बंध में कहा गया कि सभी मामलों में उसे झूठा फंसाया गया है. परिवादी के वकील ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि योगेश तिवारी का 80 मामलों का आपराधिक इतिहास रहा है.


जमानत दिए जाने का पात्र नहीं
सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों और याची के लंबे आपराधिक इतिहास को देखते हुए वह अग्रिम जमानत दिए जाने का पात्र नहीं है.


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