देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक टाटा कंसल्टेंसी गोमती किनारे चार लेन के ग्रीन कॉरिडोर के डिजाइन और डीपीआर (DPR) बनाने का काम करेगी. जल्दी ही 20 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट के लिए टाटा साइट सर्वे शुरू करेगी.
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लखनऊ: राजधानी लखनऊ में नदी किनारे बसे इलाकों में आवाजाही आसान होगी. शहर को एक छोर से दूसरे छोर तक गोमती नदी पर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जोड़ा जाएगा. इस कड़ी में देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक टाटा कंसल्टेंसी लखनऊ में गोमती किनारे चार लेन के ग्रीन कॉरिडोर के डिजाइन और डीपीआर (DPR) बनाने का काम करेगी. जल्दी ही 20 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट के लिए टाटा साइट सर्वे शुरू करेगी.
नौ महीने में करना होगा पूरा काम
टाटा कंसल्टेंसी पांच साल के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के प्रोजेक्ट आर्किटेक्ट सलाहकार के तौर पर काम करेगी. कंपनी को ये काम 9 महीने में पूरा करना होगा. इस काम के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण देगा टाटा को 9.8 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा. 20 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट के लिए टाटा साइट सर्वे शुरू करेगी.
ग्रीन कॉरिडोर संग बनेंगे पार्क, व्यावसायिक हब
गोमती नदी के किनारे दोनों छोर पर चार लेन के ग्रीन कॉरिडोर के साथ अब मनोरंजन पार्क, व्यावसायिक हब, होटल आदि भी बनाए जाने का प्रस्ताव है. करीब 2,078 करोड़ रुपये ग्रीन कॉरिडोर पर खर्च होना प्रस्तावित है. करीब 20 किमी लंबाई में दो भाग में ग्रीन कॉरिडोर बनेगा.
पहला भाग आईआईएम से शहीद पथ तक रहेगा. दूसरा भाग शहीद पथ से किसान पथ को जोड़ेगा. दोनों ओर 24 मीटर चौड़ाई में बंधे के ऊपर चार लेन की सड़क होगी.
इस ग्रीन कॉरिडोर के साथ शहर के विकास के लिए मनोरंजन पार्क, व्यावसायिक हब, होटल बनाने हैं.इस प्रोजेक्ट से पूरे लखनऊ की 50 लाख की आबादी लाभान्वित होगी. प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद शहर में आवाजाही के लिए बेहतर रोड नेटवर्क तैयार होगा.
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