मो. गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allhabad High Court) ने कहा है कि पुलिस भर्ती नियमावली 2015 (Police Recruitment Rules 2015) में उन बीमारियों और अक्षमताओं के बारे स्पष्ट रूप से कहा गया जिनके होने पर किसी कैंडीटेट को अनफिट माना जाएगा. मगर यह लिस्ट बहुत विस्तृत नहीं है और इसमें सरकार द्वारा समय-समय पर बीमारियों को भी शामिल किया जाएगा. 


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अगर यदि किसी मामले में ऐसा नहीं है तो उस अभ्यर्थी को किसी मेडिकल बोर्ड की मनमर्जी पर नहीं छोड़ा जा सकता. जबकि कोर्ट के निर्देश पर गठित मेडिकल बोर्ड ने याची को फिट करार दिया. कोर्ट ने पुलिस भर्ती के अभ्यर्थी की याचिका स्वीकार करते हुए पुलिस भर्ती को उसकी नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश दिया है. जस्टिस यशवंत वर्मा की एकलपीठ ने दिया आदेश.


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डॉक्टरों की टीम ने याची को फिट बताया
पुलिस भर्ती मेडिकल जांच रिपोर्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. हाईकोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच का निर्देश दिया था. जांच में तीन विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने याची को फिट बताया. कोर्ट ने पुलिस भर्ती में नियुक्ति पर विचार का निर्देश दिया है.


गाजीपुर के सत्येन्द्र चौहान की याचिका पर कोर्ट ने आदेश दिया है. याची 2018 की पुलिस भर्ती में शामिल हुआ और सफल रहा. याची को अंडकोष में ऑपरेशन के चलते पुलिस भर्ती मेडिकल बोर्ड ने अनफिट करार दिया था जबकि सरकारी अस्पताल की जांच रिपोर्ट में भी याची को फिट करार दिया गया. याची ने हाईकोर्ट में पुलिस भर्ती मेडिकल बोर्ड की जांच रिपोर्ट को चुनौती दी. 


हाईकोर्ट की तरफ से जांच के आदेश देने पर तीन विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने जांच में याची को फिट बताया. जिस पर कोर्ट ने टिप्पणी की और कहा की पुलिस भर्ती नियमावली 2015 में बीमारियों और अक्षमताओं वाले अभ्यर्थी को मेडिकल बोर्ड की मनमर्जी पर नहीं छोड़ा जा सकता है. जस्टिस यशवंत वर्मा की एकलपीठ ने दिया आदेश.


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