मो.गुफरान/Prayagraj Magh Mela 2024: तीर्थराज प्रयागराज के संगम तट पर लगने वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक माघ मेले की तैयारियों में बारिश और भीषण ठंड बाधा बन रही है. मेला कार्य पूरा करने की डेडलाइन बीतने के बाद भी मेला क्षेत्र में ज्यादातर कार्य अधूरे हैं. दो दिन तक हुई बारिश के चलते मेला क्षेत्र में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए बिछाए जाने वाले चकर्ड प्लेट को लेकर सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है. हालांकि मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारी और कर्मचारियों का कहना है कि स्नान पर्व से पहले सभी कार्य पूरे हो जाएंगे. 


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दरअसल हर साल जनवरी महीने में मकर संक्रांति स्नान पर्व के साथ संगम के तट पर आस्था के सबसे बड़े माघ मेले का आयोजन होता है. करीब दो महीने तक श्रद्धालुओं के साथ ही साधु-संत यहां पर धर्म और अध्यात्म की अलख जगाते हैं. माघ मेले में आने वाले लोगों को कोई असुविधा न हो, इसके लिए मेला प्राधिकरण शिविर निर्माण, पानी, शौचालय समेत दूसरी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराता है. मेला प्रशासन अक्टूबर महीने से ही कार्यों की तैयारियों में जुट जाता है. 


इस बार का माघ मेला कई मायनों में खास होगा क्योंकि इसके बाद साल 2025 में यहां पर महाकुंभ का आयोजन होना है. ऐसे में इस बार के माघ मेले को महाकुंभ का ट्रायल माना जा रहा है. हालांकि, तैयारियों में ठंड और बारिश बाधा बन रहे हैं. हालांकि मेला प्राधिकरण के प्रभारी अधिकारी दयानंद प्रसाद ने दावा किया है कि सभी कार्य समय से पूरे हो जाएंगे. अभी पहले स्नान पर्व में समय है. जल्द से जल्द सभी विभागों के कार्यों को पूरा करा लिया जाएगा. वहीं पीडब्ल्यूडी विभाग के ठेकदार के मुताबिक, दिक्कतें जरूर हो रही हैं. बारिश, कोहरे और भीषण ठंड के चलते कार्य में दिक्कत आ रही है. मजदूरों को फिलहाल दिन रात रोक कर काम लिया जा रहा है. कोशिश है कि समय से मेला के कार्यों को पूरा कर लिया जाए. 


यहां देखें माघ मेले के प्रमुख पर्व और स्नान
माघ मेले की शुरुआत 14 जनवरी से हो रहा है. 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पहला स्नान पर्व है. 25 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के साथ ही माघ मेले में एक महीने तक चलने वाला पवित्र कल्पवास भी शुरू हो जाएगा. 9 फरवरी को मौनी अमावस्या का तीसरा प्रमुख स्नान पर्व है. 14 फरवरी को बसंत पंचमी का चौथा स्नान पर्व है, जबकि माघी पूर्णिमा का स्नान पर्व 24 फरवरी को है. माघी पूर्णिमा स्नान पर्व के साथ ही माघ मेले में कल्पवास का समापन हो जाएगा. 8 मार्च को महाशिवरात्रि स्नान पर्व के साथ ही माघ मेले का औपचारिक तौर पर समापन हो जाएगा. 


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