Atique-Ashraf Murder: अतीक और अशरफ हत्याकांड मामले में चार्जशीट दाखिल, माफिया ब्रदर्स की हत्या को लेकर बड़े खुलासे
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Atique-Ashraf Murder: अतीक और अशरफ हत्याकांड मामले में चार्जशीट दाखिल, माफिया ब्रदर्स की हत्या को लेकर बड़े खुलासे

Atique-Ashraf Murder Case: माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. इस केस में पुलिस की ओर से चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. 

 

Atique-Ashraf Murder case

मो.गुफरान/प्रयागराज: अतीक और अशरफ हत्याकांड मामले में बड़ी खबर सामने आई है. एसआईटी ने कोर्ट में इस मामले की चार्जशीट दाखिल कर दी है. एसआईटी की चार्जशीट में माफिया ब्रदर्स हत्याकांड को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. जिसके मुताबिक, मोहित उर्फ सनी सिंह ने ही माफिया ब्रदर्स की हत्या की साजिश रची थी. उमेश पाल की हत्या के बाद से ही अतीक और अशरफ के बारे में सनी जानकारी जुटा रहा था. सनी अखबार और टीवी चैनल पर चल रहीं खबरों को लगातार देख रहा था. 

असद की भी हत्या का बनाया था प्लान 
चार्जशीट के मुताबिक, उमेश पाल की हत्या के बाद उसने लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य से मुलाकात की. इसके बाद तीनों ने मिलकर माफिया ब्रदर्स की हत्या की योजना बनाई. तीनों शूटर्स अतीक अशरफ के अलावा असद की भी हत्या करना चाहते थे. असद को अतीक के साम्राज्य को संभालने की खबरों के चलते उसकी हत्या का प्लान बनाया था. माफिया ब्रदर्स की हत्या के बाद तीनों ने प्रदेशभर में रंगदारी मांगने की योजना बनाई थी. 

जेल में रहकर रंगदारी मांगने का बनाया था प्लान
तीनों शूटर्स ने जेल में रहकर रंगदारी मांगने का प्लान बनाया था. तीनों शूटर्स को पता था कि अतीक और अशरफ की हत्या के बाद दिनभर उनकी खबरें चलेंगी. खबरे चलने से देश और प्रदेशभर में उनकी पहचान बड़े अपराधी लॉरेंस बिश्नोई जैसी हो जाएगी. 13 अप्रैल को ही अतीक और अशरफ की प्रयागराज कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या को अंजाम देने की योजना थी. कोर्ट में भीड़ अधिक होने और झांसी में असद- गुलाम के एनकाउंटर की ख़बर मिलने के चलते तीनों शूटर्स ने प्लान बदल दिया था. 

मेडिकल के लिए नहीं आते अतीक-अशरफ तो बनाते नया प्लान
तीनों को 14 अप्रैल को अतीक और अशरफ को मेडिकल के लिए लाए जाने की पुख्ता जानकारी नहीं थी. तीनों शूटर लखनऊ से बस के जरिए प्रयागराज पहुंचे थे. प्रयागराज आने से पहले तीनों आरोपी लखनऊ के चारबाग स्थित एक होटल में रुके थे. इसके बाद प्रयागराज आकर खुल्दाबाद स्थित होटल में तीनों रुके थे. 15 अप्रैल की शाम 9.10 मिनट पर शूटर लवलेश तिवारी काल्विन हॉस्पिटल पहुंचा. ठीक 12 मिनट बाद सनी सिंह और अरुण मौर्य भी हॉस्पिटल पहुंच गए थे. काल्विन हॉस्पिटल में मेडिकल के लिए माफिया ब्रदर्स के आने का तीनों ने इंतजार किया. रात 11 बजे तक हॉस्पिटल में इंतजार की योजना बनाई थी. 11 बजे तक अगर अतीक और अशरफ मेडिकल के लिए नहीं आते तो हत्या के लिए दूसरा प्लान बनाते. 

लवलेश ने बरसाई थीं माफिया ब्रदर्स पर गोलियां 
चार्जशीट के मुताबिक, लवलेश तिवारी ने अतीक और सनी सिंह ने अशरफ पर गोलियां बरसाईं. दोनों ने लगभग एक ही समय पर माफिया ब्रदर्स पर फायरिंग की. अरुण मौर्य सिर्फ दो फायर कर पाया था. तीसरी में पिस्टल में ही गोली फंस गई थी. लवलेश तिवारी और सनी सिंह ने तुर्की मेड जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया था. जबकि अरुण मौर्य के पास देशी पिस्टल थी. 

किसी बड़ी साजिश के सबूत नहीं मिले 
एसआईटी को जांच पड़ताल में माफिया ब्रदर्स हत्याकांड में किसी बड़ी साजिश के सबूत नहीं मिले हैं. एसआईटी ने चार्जशीट में सुपारी किलिंग की आशंका को भी नकार दिया है. जिगाना पिस्टल को लेकर सनी सिंह ने गैंगस्टर जितेंद्र गोगी से मिलने की बात कही थी. दोनों पिस्टल 2021 में जितेंद्र गोगी ने सनी सिंह को उपलब्ध कराया था. जितेंद्र गोगी की कुछ दिनों पहले तिहाड़ जेल में हत्या हो चुकी है. 

सनी सिंह पर 19 मुकदमे
हमीरपुर निवासी मोहित उर्फ सनी सिंह पर कुल 19 मुकदमे दर्ज हैं. बांदा निवासी लवलेश तिवारी पर भी करीब चार अलग अलग मामले दर्ज हैं. कासगंज निवासी अरुण मौर्य पर अतीक अशरफ हत्याकांड से पहले कोई मामला दर्ज नहीं था. 

6 बार अलग-अलग पुलिस अधिकारियों ने लिए बयान 
एसआईटी चार्जशीट के मुताबिक, आरोपियों से छ बार अलग-अलग पुलिस अधिकारियों ने बयान लिए. तीनों शूटर्स ने हर बार वही रटा रटाया ही बयान दिया. गौरतलब है कि 15 की रात करीब 10.35 मिनट पर काल्विन हॉस्पिटल परिसर में माफिया ब्रदर्स की गोली मारकर हत्या हुई थी. डीसीपी क्राइम सतीश चंद्र, एसीपी सत्येंद्र प्रसाद तिवारी और इंस्पेक्टर ओमप्रकाश की तीन सदस्यीय एसआईटी टीम ने विवेचना की है. 

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