Sharadiya Navratri: इस मंदिर में देवी की नहीं उनके पालने की होती है पूजा, जानें क्या है रहस्य
Sharadiya Navratri/Mohd Gufran: शारदीय नवरात्र आरंभ हो चुके है. इस मौके पर हर तरफ पर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही है. आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जहां पर देवी की कोई प्रतिमा नहीं है. वल्कि यहां भक्त मां के पालने की पूजा करते है.
Sharadiya Navratri : शारदीय नवरात्र के पहले दिन संगम नगरी प्रयागराज के देवी मंदिरों में भी भक्तों की भारी हुजूम उमड़ पड़ा है.प्रयागराज की शक्तिपीठ अलोप शंकरी समेत दूसरे देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्त देवी मां के दर्शन-पूजन कर मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कामना कर रहे हैं.शारदीय नवरात्र का आज पहला दिन है. शक्ति पीठ अलोप शंकरी समेत दूसरे देवी मंदिरों में शैलपुत्री रूप में मां का श्रृंगार किया गया है.
देवी मां अपने इस स्वरुप में भक्तों को दर्शन देते हुए उनका कल्याण करती हैं. शक्तिपीठ अलोप शंकरी में तो भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है. समूची दुनिया में यह इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां देवी की कोई मूर्ति नहीं है और श्रद्धालु एक पालने की पूजा करते हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक़ शिवप्रिया सती के दाहिने हाथ की उंगलियां यहां गिरकर अलोप यानी अदृश्य हो गई थीं, इसी लिए यहां देवी के पालने की पूजा की जाती है. यही वजह है कि शारदीय नवरात्र के मौके बड़ी संख्या में भक्त देवी मां के दर्शन पूजन के लिए जुटते हैं.
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अमेठी में दिखा भक्तों का उत्साह
शारदीय नवरात्रि को लेकर मंदिरों में भक्तो का खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. कालिकन माता जी का दर्शनों के लिए दूर दराज से आ रहे लोगो की भीड़ सुबह से ही देखने को मिल रही है. कलिकन धाम में कालिकन माता जी का दर्शन सुबह 4 बजे से ही शुरू है. अमेठी के संग्रामपुर में स्थित है मां कालिकन धाम सिद्ध पीठ मंदिर आसपास के जनपदों का भी आस्था का केंद्र है.