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नीरज कुमार यादव/कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के पूर्व छात्र लाल बंगला निवासी अमित कुमार निरंजन ने छह विषयों में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (National Eligibility Test) क्वालीफाई करने कीर्तिमान स्थापित किया है. इस उपलब्धि के लिए उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है. भारत में अभी तक इतने विषयों में किसी छात्र ने नेट क्वालीफाई नहीं किया. कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति ने बीते बुधवार को अमित कुमार निरंजन को इंडिया बुक का रिकॉड्स का प्रमाण पत्र प्रदान किया.
अमित वाणिज्य, अर्थशास्त्र, प्रबंधन, शिक्षा शास्त्र, राजनीति विज्ञान व समाजशास्त्र विषयों से नेट क्वालफाई करने वाले देश के पहले और इकलौते बन गए हैं. निरंजन ने अपनी इस सफलता के पीछे का राज भी बताया. उन्होंने कहा कि किसी भी विषय की तैयारी के लिए उसे रटने की जरूरत नहीं होती है, बल्कि समझने की जरूरत होती है. वह कहते हैं कि किसी विषय की तैयारी करते समय चीजों को लिखकर तैयार करने की आदत डालनी चाहिए.
अमित ने कहा कि अभ्यर्थियों को सभी विषय को बराबर समय देना चाहिए, कमजोर विषय पर विशेष ध्यान दें. अगर कोई विषय आपको कठिन लगता है और आप उसमें खुद को कमजोर महसूस करते हैं तो उसके सभी सूत्र, परिभाषाएं व प्रश्न धीरे-धीरे समझने का प्रयास करें. अमित 2010 में आईआईटी कानपुर में अर्थशास्त्र विषय के साथ पीएचडी के लिए चुने जा चुके हैं. वह 2013 में बैंक पीओ पद के लिए चयनित हो चुके हैं. आइए उनसे ही जानते हैं कि आखिर छह अलग अलग विषयों में उन्होंने नेट की परीक्षा क्यों देने की सोची और उत्तीर्ण करने के लिए तैयारी कैसे की...
आपने एक नहीं छह बार अलग-अलग विषयों में नेट क्वालीफाई किया है. इसके लिए क्या रणनीति अपनाई आपने?
ये धारणा बनी हुई थी बच्चों की , मार्क्स लाना ही उनका क्राइटेरिया होता है. सिर्फ और सिर्फ मार्क्स के उद्देश्य से ही पढ़ते हैं. मैं इन बच्चों को संदेश देना चाहता हूं कि कोई भी सब्जेक्ट हो, जब आप उसको उसके कॉन्टेंट और समझ से पढ़ेंगे, जब आप ये समझेंगे कि उस सब्जेक्ट का अर्थ क्या है? तब आप उस सब्जेक्ट से जुड़ पाएंगे. और जब आप उस सब्जेक्ट से जुड़ जाएंगे तो कोई भी परीक्षा या एग्जाम आसानी से निकाल पाएंगे.
आगे का आपका क्या प्लान है? क्या करना चाहते हैं?
आगे मैं दो रिसर्च मॉडल बना रहा हूं. एग्जामिनेशंस को आसान कैसे किया जाए, किसी सब्जेक्ट को आसानी से समझने के लिए क्या उसके तरीके होने चाहिए, इस पर रिसर्च मॉडल बना रहा हूं. तीन किताबें लिख रहा हूं. मेरी एक किताब एडल्ट एजुकेशन पर है. दूसरी किताब एग्जाम के प्रेशर को कम कैसे किया जाए उस पर लिख रहा हूं. तीसरी किताब किसी एग्जाम को क्वालीफाई करने के लिए सही तैयारी का तरीका और गाइलाइंस क्या होनी चाहिए उसको लेकर है.
वर्तमान में आप क्या कर रहे हैं?
अभी मैं कई विदेशी यूनिवर्सिटीज के साथ जुड़ा हूं. मैं उन यूनिवर्सिटीज के बच्चों को उनके असाइंमेंट में मदद करता हूं. कई कोचिंग्स हैं जिनके लिए मैं एग्जाम मैटेरियल तैयार करता हूं. कई स्कूलों को ट्रेनिंग देता हूं. मैकमिलन पब्लिकेशन (Mcmillan Publication) का मैं नेशनल रिसोर्स पर्सन हूं.
आपने अपनी पढ़ाई कहां से पूरी की थी?
मैंने कक्षा 1 से 12वीं तक की अपनी पढ़ाई एयरफोर्स स्कूल चकेरी से पूरी की थी. ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन मैंने पीपीएन पीजी कॉलेज कानपुर से किया. मैंने 2009 में कानपुर यूनिवर्सिटी से एमफिल टॉप किया था. साल 2010 में मेरा सिलेक्शन आईआईटी कानपुर से इकोनॉमिक्स में पीएचडी के लिए हुआ था.
वर्तमान इंडियन एजुकेशन में क्या-क्या बदलाव होने चाहिए आपके हिसाब से?
मुझे जो लगता है हमारे एजुकेशन सिस्टम में स्किल डिवेलपमेंट वाला पार्ट मिसिंग है. स्टूडेंट्स 10वीं और 12वीं के बाद नौकरी पाने के रास्ते तलाशते हैं. यदि कॉमर्स के बच्चों से पूछ लें कि आरबीआई के फंक्शंस क्या होते हैं तो शायद वह नहीं बता पाएगा. क्योंकि वह कोर्स रटकर पास हो जाएगा, लेकिन उसे आरबीआई की वर्किंग स्टाइल नहीं बताई या समझाई गई होगी.
ऐसे ही अगर साइंस के बच्चों से कहें कि एक ऐसा छोटा सा मॉडल विकसित करो जो किसी काम आए या मार्केट में उसकी वैल्यू हो तो शायद नहीं कर पाए. यदि हम अपने स्कूल सिलेबस को कॉन्टेंट के साथ छोटे छोटे प्रैक्टिकल मॉड्यूल में तब्दील करें तो ज्यादा बेहतर परिणाम सामने आएंगे.
यूपी बोर्ड के बच्चों के नेट क्वालीफाई करने में इंग्लिश बाधा बनती है, इस पर उन्हें क्या टिप्स देंगे आप?
देखिए यूपी बोर्ड हो, सीबीएसई हो या आईसीएसई हो सबका कॉन्टेंट जो है एक बहुत सिम्प्लर पैमाने पर बनाया गया है. अगर हम यूजीसी की बात करें तो इंग्लिश और हिंदी दोनों में ही पेपर होते हैं. इसके जो क्वेश्चंस हैं, यदि किसी स्टूडेंट ने अपने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में सिर्फ मार्क्स के लिए नहीं बल्कि कॉन्टेंट को समझकर पढ़ाई की होगी तो नेट का एग्जाम निकालना उसके लिए बहुत आसान है. माना कि उसका पासिंग परसेंटेज बहुत कम हो सकता है, लेकिन उसके लिए क्वालीफाई करना बहुत आसान हो जाएगा अगर वह अपने कॉन्टेंट को मजबूत रखे.