लखनऊ: कानपुर शूटआउट केस के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब यूपी पुलिस की रडार पर उसको आश्रय देने वाले करीबी हैं. यूपी पुलिस विकास दुबे के 11 करीबियों के शस्त्र लाइसेंस रद्द करने पर विचार कर रही है. पांच लाख का इनामी गैंगस्टर विकास दुबे अपने पस 12-14 असलहे रखता था. पुलिस जांच में विकास दुबे के इस्तेमाल वाले अधिकांश असलहे दूसरों के लाइसेंस पर पाए गए हैं.


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इन असलहों के लाइसेंस की फाइल यूपी डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने तलब की है. साथ ही पुलिस ने विकास दुबे के पैतृक गांव बिकरू में भी हथियारों की तलाशी का बड़ा अभियान शुरू किया है. पुलिस विकास दुबे के घर से बरामद हथियारों के साथ ही उसको शरण देने वालों के हथियारों तथा उनके लाइसेंस की जांच कर रही है. डीजीपी मुख्यालय ने इन सभी शस्त्रों के लाइसेंस रद्द करने के बारे में रिपोर्ट मांगी है.


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ऐसा माना जा रहा है कि विकास दुबे ने अपने राजनीतिक रसूख के दम पर कानपुर में कई लोगों के शस्त्र लाइसेंस बनवाए थे. इन सभी हथियारों का इस्तेमाल विकास दुबे खुद करता था. विकास दुबे के घर से मिले असलहों का लाइसेंस जिन लोगों के नाम पर हैं उनमें विष्णुपाल पुत्र देवी लाल (रिवाल्वर और डबल बैरल बंदूक, केस में नामजद), जहान यादव पुत्र गेंदालाल यादव (डबल बैरल बंदूक, गिरफ्तार), दयाशंकर पुत्र श्याम नारायण (सिंगल बैरल बंदूक, गिरफ्तार), आलोक पुत्र मदनलाल (डबल बैरल बंदूक) शामिल हैं.


इसके अलावा राम सिंह पुत्र छोटेलाल (डबल बैरल बंदूक, केस में नामजद), श्रीकांत पुत्र बबन शुक्ला (डबल बैरल बंदूक), यादवेंद्र पुत्र गेंदालाल (राइफल), राजन पुत्र जिल्ल्लेदार (डबल बैरल बंदूक), दीपक पुत्र रामकुमार (राइफल) और अंजली दुबे पत्नी दीपक दुबे (रिवाल्वर का लाइसेंस) शामिल हैं. इन सभी के शस्त्र लाइसेंस की फाइल डीजीपी मुख्यालय में तलब की गई है. साथ ही बिकरू गांव में जितने लोगों के पास शस्त्र हैं, पुलिस उनसे अपने हथियार और लाइसेंस जमा कराने के लिए कह रही है.


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