गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में स्थित डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या का फिर से कोशिश की गई. मंदिर के सेवादारों ने शक होने पर परिसर में घुसे दो संदिग्धों को पकड़ लिया. इसके बाद तलाशी ली गई तो उनके पास से 3 सर्जिकल ब्लेड व कुछ आपत्तिजनक दवाएं बरामद हुईं है. पकड़े गए संदिग्धों से पुलिस पूछ-ताछ कर रही है. 


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बताया जा रहा है कि पकड़े गए संदिग्धों के पास से जो दवाइयां बरामद हुई हैं, वो बेहद घातक है. पकड़े गए संदिग्ध अपने को हिंदू बताकर मंदिर परिसर में शामिल हुए थे. लेकिन, इनमें से एक की पहचान मुस्लिम के रूप में हुई है. उसने पुलिस को अपना असली नाम कासिफ बताया है. 


रात के नौ बजे दो युवक परिसर में घुसे थे
महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने पत्रकारों को बताया कि मंदिर परिसर में पुलिस की तरफ से एक गार्ड तैनात है. रात करीब नौ बजे दो युवक मंदिर परिसर में घुसे. एक व्यक्ति ने बाहर पुलिसकर्मियों के पास रजिस्टर में अपनी एंट्री डॉ. विपुल विजयवर्गीय नागपुर व दूसरे ने काशी गुप्ता के नाम से कराई. उस समय वह मंदिर में मौजूद नहीं थे, एक न्यूज चैनल पर डिबेट में भाग ले रहे थे.


सेवादारों को हुआ शक 
सेवादारों ने बताया कि दो युवक मंदिर परिसर में दाखिल हुए और उनकी हरकतों पर उनको शक हुआ. इसके बाद उन्होंने युवकों की बैग की तलाशी ली. इस दौरान बैग में तीन सर्जिलकल ब्लेड और आपत्तिजनक दवाएं मिली. इसके बाद सेवादारों ने पुलिस को फोन किया और दोनों संदिग्धों को पुलिस के हवाले कर दिया. इस मामले में महंत के करीबी अनिल यादव ने पुलिस को तहरीर दी है.


क्या बोली पुलिस? 
SP देहात डॉ. इरज राजा ने बताया कि काशी गुप्ता के नाम से एंट्री कर मंदिर परिसर में घुसने वाले का असली नाम कासिफ है. दोनों से पूछताछ की जा रही है.


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