32 साल बाद रिटायर होंगे आचार्य सत्येंद्र दास!, टेंट से मंदिर तक रामलला की आरती की, 100 रुपये का वेतन अब 380 गुना बढ़ा
Ayodhya Ram Mandir: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अपनी बैठक में बड़ा फैसला लिया है. ट्रस्ट राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास को कार्य मुक्ति के लिए निवेदन किया है.
Ram Mandir Chief Priest Acharya Satyendra Das: रामनगरी अयोध्या में रामलला विराजमान हो गए हैं. राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास लगातार 34 साल से रामलला की सेवा करते आ रहे हैं. जल्द ही राम मंदिर को नया मुख्य पुजारी मिल सकता है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास से खराब स्वास्थ्य के चलते कार्य से मुक्ति का निवेदन किया है. हालांकि, आचार्य सत्येंद्र दास को जो वेतन मिल रहा है वह आजीवन मिलता रहेगा. ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने आजीवन सैलरी देने का फैसला किया है. आइये जानते हैं मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास के बारे में.
राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास
बता दें कि राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास 1 मार्च 1992 से मुख्य अर्चक के रूप में सेवा दे रहे हैं. शुरुआत में उन्हें 100 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाता था. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनका वेतन बढ़कर 38500 रुपये हो गया है. आचार्य सत्येंद्र दास अब 87 साल के हो गए हैं. उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा है. ऐसे में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने उनसे कार्य मुक्ति का निवेदन किया है. इतना ही नहीं ट्रस्ट ने कहा कि मुख्य पुजारी पहले की तरह जब भी चाहेंगे, उनके राम मंदिर आ सकेंगे. उनके राम मंदिर आने-जाने और पूजा पाठ करने में कोई रोक टोक नहीं होगी.
14 और पुजारी दे रहे सेवा
ट्रस्ट की ओर से कहा गया कि मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास को जो वेतन दिया जा रहा है. वह वेतन आजीवन मिलता रहेगा. 25 नवंबर को हुई ट्रस्ट की बैठक में यह फैसला लिया गया. इस फैसले पर सभी पदाधिकारियों ने सहमति जताई है. आचार्य सत्येंद्र दास को यही वेतन आजीवन मिलता रहेगा. वर्तमान में राममंदिर में आचार्य सत्येंद्र दास सहित कुल 14 पुजारी सेवा दे रहे हैं. उनके साथ चार सहायक पुजारी भी लंबे समय से राममंदिर में कार्यरत हैं, जबकि नौ नए पुजारियों की नियुक्ति हाल ही में की गई है.
ट्रस्ट के फैसले पर क्या बोले सत्येंद्र दास?
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बाबरी विध्वंस से लेकर राममंदिर के निर्माण तक के साक्षी रहे हैं. आचार्य सत्येंद्र दास ने टेंट में रहे रामलला की 28 साल तक पूजा पाठ किया. इसके बाद करीब चार साल तक अस्थायी मंदिर में विराजे रामलला की सेवा मुख्य पुजारी के रूप में की. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अभी तक वह मुख्य पुजारी के रूप में सेवा दे रहे हैं. मुख्य पुजारी ने कहा कि राममंदिर के ट्रस्टी आश्रम पर आए थे. स्वास्थ्य व बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए कार्य से मुक्ति का निवेदन किया है. कहा गया है कि जब इच्छा हो मंदिर जाएं, न हो तो न जाएं. फिलहाल वह मंदिर आते रहेंगे.
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