Ayodhya News: रामनगरी में भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर का निर्माण हो रहा है. मंदिर की खास बात यह है कि यह मंदिर उत्तर भारत में मौजूद बाकी शिव मंदिरों की तरह नहीं है. बल्कि इसका निर्माण दक्षिण भारत की निर्माण शैली का प्रयोग करके बनाया जाएगा. इसके साथ इसमें मंदिर में स्थापित होने वाली शिवलिंग भी दक्षिणी भारत से लाया जाएगा. दक्षिणी भारत की शैली के साथ बनने वाला अयोध्या में यह पहला शिव मंदिर है. बताया जा रहा है कि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 5 सितंबर के दिन राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे. 


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रामसेवकपुरम बन रहा देवालय
अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन कार्यशाला स्थल जोकि रामसेवकपुरम के नाम से जाना जाता है. उस जगह को अब एक मंदिर का रूप दिया जा रहा है. इसी जगह अयोध्या का पहला दक्षिणी भारत की शैली से शिव मंदिर बनेगा. आपको बता दें कि इसकी प्राण प्रतिष्ठा 5 सितंबर को की जाएगी. 


कौन कौन होगा शामिल
शिव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में विश्व हिंदू परिषद, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्टी और संत धर्माचार्य शामिल होंगे. पूरे आयोजन के लिए समिति द्वारा एक बड़ा पंडाल लगाया जा रहा है. आपको बता दें कि मंदिर के निर्माण कार्य का जिम्मा दक्षिण भारत की एक समिति के नाम पर है. मंदिर के निर्माण के लिए सबसे पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से स्वीकृति भी ले ली गई है. मंदिर बनने के बाद यहां पर एक पुजारी की भी नियुक्ति की जाएगी. 


रामसेवकपुरम का रहा है विशेष महत्व
ज्ञात रहे कि कारसेवकों द्वारा किए गए आंदोलन में रामसेवकपुरम का एक विशेष महत्व रहा है. यहीं पर राम मंदिर के निर्माण के संकल्प के लिए 100 दिवसीय महायज्ञ करवाया गया था. जहां पूरे भारत से भक्तों ने आकर आहुति डाली थी. 


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