Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी स्नान पर्व कल, ब्रह्म मुहूर्त से श्रद्धालु संगम में लगाएंगे आस्था की डुबकी
Basant Panchami Snan Parv: संगम नगरी प्रयागराज में माघ मेले के चौथे स्नान पर्व बसंत पंचमी के मौके पर आस्था का सैलाब उमड़ने लगा है. कल ब्रह्म मुहूर्त से ही संगम के घाटों पर श्रद्धालुओं के स्नान और दान का क्रम शुरू हो जाएगा.
Basant Panchami 2023: प्रयागराज/मो.गुफरान: हर साल माघ महीने में बसंत पंचमी मनायी जाती है. इस दिन मां सरस्वती (Maa Saraswati) की पूजा अर्चना की जाती है. इस साल बसंत पंचमी का त्योहार 26 जनवरी को मनाया जा रहा है. संगम की रेती पर लगे माघ मेले (Magh Mela 2023) का बसंत पंचमी प्रमुख स्नान पर्व है. इस मौके पर ब्रह्म मुहूर्त से श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे. बसंत पंचमी स्नान पर्व पर संगम स्नान का विशेष महत्व माना गया है.
संगम में स्नान से मोक्ष की होती है प्राप्ति
बसंत पंचमी माघ मेले (Magh Mela) का चौथा प्रमुख स्नान है. मान्यता है कि इस दिन त्रिवेणी संगम में पीला वस्त्र धारण कर स्नान-दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. लिहाजा जो भी श्रद्धालु माघ मास के बसंत पंचमी पर्व पर संगम में डुबकी लगाते हैं, उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी. इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन त्रिवेणी में स्नान करना बेहद फलदायी माना जाता है. गुरुवाक के दिन बसंत पंचमी (Basant Panchami) का पर्व पड़ने से इसका महत्व कई गुना अधिक बढ़ गया है.
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एक करोड़ श्रद्धालु के आने की संभावना
ऐसी मान्यता है कि आज के दिन मां सरस्वती की आराधना करने से साधकों की साधना पूरी होती है. वहीं, विद्यार्थियों को मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उन्हें ज्ञान के साथ सफलता की प्राप्ति होती है. बसंत पंचमी के मौके पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु संगम तट पर पहुंच रहे हैं. इस स्नान पर्व पर एक करोड़ से ज्यादा भक्तों के आने की संभावना जताई जा रही है.
सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद इंतजाम
बसंत पंचमी के पर्व पर मेला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंद इंतजाम किए हैं. मेला क्षेत्र में इस बार 17 अलग-अलग घाटों पर श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे. घाटों पर सुरक्षा को लेकर जल पुलिस के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है. मेला क्षेत्र में सिविल पुलिस के साथ ही पीएसी, सीआरपीएफ आरएएफ और एटीएस के कमांडो तैनात रहेंगे. सीसीटीवी कैमरे के साथ ही ड्रोन कैमरे से भी मेला क्षेत्र की सुरक्षा की निगरानी की जाएगी.
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बसंत पंचमी की मान्यता
हिंदी पंचांग के मुताबिक माघ मास की शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पंचमी को ही बसंत पंचमी कहते हैं. इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, इसी दिन मां सरस्वती प्रकट हुई थीं. यही वजह है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की आराधना की जाती है. इस दिन शादी, गृह प्रवेश जैसे मंगल कार्य करना शुभ माना जाता है.
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