कानपुर: बिकरू हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के कैशियर कहे जाने वाले जयकांत बाजपेयी पर पुलिस ने शिकंजा कसा है. जय बाजपेयी की संपत्तियों की जांच के साथ-साथ अब उसके 3 फरार भाइयों को भी पुलिस गिरफ्तार करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. जय बाजपेयी के तीनों ही भाई फरार हैं. पुलिस ने जय बाजपेयी की कुंडली खंगालने के बाद उसके तीनों भाइयों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी. गिरफ्तारी से बचने के लिए फिलहाल तीनों फरार हैं. 


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जय बाजपेयी के 3 भाइयों पर 25-25 हजार का इनाम 
थाना नजीराबाद में जय बाजपेयी के भाइयों- शोभित बाजपेयी, रजय कान्त बाजपेयी, अजय कान्त बाजपेयी पर गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज है. पुलिस ने बताया है कि इन्हें पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है. पुलिस ने फरार तीनों आरोपियों पर 25-25 हजार रुपए का पुरस्कार घोषित किया है.



विकास दुबे की फरारी में जय बाजपेयी की भूमिका 
बताया जाता है कि जय बाजपेयी गैंगस्टर विकास दुबे का खजांची था. बिकरू में शूटआउट के बाद विकास दुबे के साथियों की तलाश कर रही कानपुर पुलिस को काकादेव में तीन लग्जरी कारें सड़क पर लावारिस खड़ी मिली थीं. बताया गया कि इन कारों का मालिक भी कारोबारी जय बाजपेई था. जिसके बाद पुलिस ने जय बाजपेई को हिरासत में ले लिया था. 


2 जुलाई के हत्याकांड के लिए दिए असलहे और पैसे
पूछताछ के बाद खुलासा हुआ था कि, गैंगस्टर विकास दुबे और जय के बीच कारोबारी रिश्ते के साथ-साथ विकास को वो असलहा और कारतूस भी सप्लाई करता था. 2 जुलाई की शाम भी जय बाजपेयी बिकरु गांव में था. उसने पुलिस को गुमराह करने के लिए इस दौरान अपना फोन भी घर पर छोड़ दिया था.


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चारों भाइयों का है आपराधिक इतिहास
जय बाजपेई की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके 3 भाई शोभित, रजय और अजय कांत बाजपेयी के बारे में जब पता किया तो ये तथ्य सामने आये कि तीनों ही कई मामलों में वॉन्टेड हैं. इसके बाद उन पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारी के आदेश दिए गए. पुलिस ने इनकी तलाश में जय बाजपेयी की कई संपत्तियों पर दबिश भी दी, लेकिन अभी भी तीनों फरार हैं. 


2 जुलाई की रात को हुआ था बिकरु कांड
2 और 3 जुलाई की दरम्यानी रात को कानपुर पुलिस की एक टीम विकास दुबे के घर दबिश देने गई थी, जिसकी भनक विकास दुबे को पहले ही लग गई थी. इसके बाद विकास दुबे ने पुलिस वालों पर हमला कर दिया, जिसमें उसके कई साथी मौजूद थे. इस हमले से पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए थे. फिलहाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत 6 लोगों को एनकाउंटर में मारा जा चुका है. उसके साथियों की गिरफ्तारी और सरेंडर का सिलसिला जारी है. 


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