वाराणसी : उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की चार बहुमूल्य शहनाइयों की चोरी के मामले में उनके पौत्र साहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इसे चुराकर सुनार को बेच दिया गयी था। मरहूम उस्ताद की लकड़ी की शहनाई भी बरामद की गयी है।


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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसटीएफ) अमित पाठक की मंगलवार शाम जारी विज्ञप्ति के अनुसार एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने उस्ताद के छोटे पुत्र काजिम हुसैन के पुत्र नजरे हसन उर्फ शादाब के अलावा चौक थानान्तर्गत छोटी पियरी स्थित शंकर ज्वैलर्स के शंकर लाल सेठ और उसके पुत्र सुजीत को गिरफ्तार किया है।


उन्होंने बताया कि सुनार के पास गलायी गयी शहनाइयों से प्राप्त एक किलोग्राम 66 ग्राम चांदी भी बरामद की गयी है। इसके अलावा एक अदद लकड़ी की शहनाई, जिसकी चांदी निकाली जा चुकी है। चांदी की शहनाई की बिक्री से अर्जित चार हजार दो सौ रुपये और एक मोबाइल सेट भी बरामद किया गया है।


एसटीएफ वाराणसी के इंस्पेक्टर विपिन राय ने बताया कि नजरे हसन भागने की फिराक में था, तभी उसे एसटीएफ की टीम ने पकड़ लिया। पूछताछ में नजरे हसन ने स्वीकार किया कि उसने शंकर लाल सेठ के हाथों चांदी की तीनों शहनाइयां 17 हजार रुपये में बेची थीं। बरामद चार हजार दो सौ रुपये उसी धनराशि के हैं। शादाब ने यह भी स्वीकार किया कि कुछ लोगों से लिये गये उधार चुकाने के लिए उसने ये शहनाइयां बेची थीं। शंकर ने भी चांदी की तीन शहनाइयों की चांदी गलाने की बात स्वीकार की है।


गौरतलब है कि गत माह पांच दिसंबर को उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की चांदी की तीन और लकड़ी की चांदी जड़ित शहनाई उनके एक पुत्र के घर से चोरी हो गयी थीं।


पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि उस्ताद को चांदी की उक्त तीनों शहनाइयां क्रमश: पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने उपहार स्वरूप भेंट की थी। लकड़ी की शहनाई तो उस्ताद अपने सिराहने रखकर सोते थे। इस शहनाई को वह मुहर्रम की आठवीं व दसवीं तारीख को विशेष रूप से बजाते थे।