गोरखपुर: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पुलवामा आतंकी हमले पर शनिवार को कहा कि कश्मीर की धरती पर जवानों का बहा खून व्यर्थ नहीं जाने वाला है. शाह ने गोरखपुर में पार्टी के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा, "पुलवामा पर पूरे देश में रोष है लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि आपके द्वारा बनाई गई भाजपा की सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है." उन्होंने कहा, "आप चिन्ता मत करना. जवानों का जो खून कश्मीर की धरती पर बहा है, वह व्यर्थ नहीं जाने वाला है." 


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शाह ने कहा, "पांच साल में मोदी सरकार ने आतंकवाद का जवाब दिया है. चाहे कूटनीतिक क्षेत्र हो, चाहे गोली का जवाब गोले से देना हो, चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो, मोदी सरकार ने जवाब दिया है."


उन्होंने कहा कि पुलवामा में शहीद हुए चालीस से ज्यादा जवानों के परिवारों के साथ पूरा देश खड़ा है. शाह ने कहा कि 70 साल तक जो भी सरकारें आईं, उन्होंने किसानों को वोट बैंक समझ कर टुकड़ों में काम किया लेकिन पहली बार नरेंद्र मोदी की सरकार ने टेक्नोलॉजी के आधार पर विकास करना शुरू किया.


 



उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसा, "राहुल बाबा हमें सलाह देंगे, जिन्हें ये नहीं पता कि आलू खेत के नीचे होता है या ऊपर. मैं कहता हूं वो मुझे खरीफ फसल के नाम लिखकर दे दें, हम मान जाएंगे. देशभर में किसान अगर बदहाल था तो इसमें एक पार्टी कांग्रेस का योगदान रहा." 


भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पहले किसान का यूरिया कारोबार में चला जाता था, उसे यूरिया नहीं मिलता था और उन पर लाठियां चलती थीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में यूरिया के लिए लाइन लगती थी लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने इसे नीम कोटेड कर दिया और अब इसकी कालाबाजारी नहीं हो पाती है. उन्होंने कहा कि एक छोटे से प्रयोग ने अरबों खरबों की कालाबाजरी खत्म कर दी. ये प्रयोग किसानों के खेत के लिए बहुत बड़ा रहा. इससे पहले, शाह ने लखनउ में सहकारिता सम्मेलन में कहा, "उत्तर प्रदेश का प्रशासनिक ढांचा जो सपा-बसपा सरकार में चरमरा गया था, आज योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यहां का प्रशासनिक और राजनीतिक ढांचा तेजी से मजबूत हो रहा है." 


उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसानों की आय दोगुना करने वाला प्रधानमंत्री देश को मिला. हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 तक इसका लक्ष्य रखा है. शाह ने कहा कि सोनिया-मनमोहन की सरकार के समय सहकारिता के माध्यम से किसानों को मात्र 23 हजार 635 करोड़ रुपये दिए थे लेकिन मोदी सरकार द्वारा सहकारिता के माध्यम से 73 हजार 51 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की गई. उन्होंने कहा कि सहकारिता समितियों के माध्यम से किसानों को ज्यादा दाम दिलाने का काम नरेंद्र मोदी की सरकार कर रही है.