Rail Roko Andolan: किसानों का दिल्ली चलो आंदोलन भले ही भले ही राजधानी तक नहीं पहुंच पा रहा हो, लेकिन किसान संगठनों के नए ऐलान ने टेंशन बढ़ा दी है. भारतीय किसान यूनियन उग्राहां ने गुरुवार को पंजाब में चार घंटे के रेल रोको आंदोलन की घोषणा की है. उन्होंने दिल्ली चलो का आह्वान करने वाले किसान संगठनों के समर्थन में यह ऐलान किया है. ऐसे में यह आशंका बढ़ती जा रही है कि धीरे-धीरे अन्य किसान संगठन इस प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के कुछ संगठनों की बुधवार को जालंधर में हुई बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया. 


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सिंधु बार्डर पर पूरे इंतजाम किए गए 
दूसरे दिन सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए पूरे इंतजाम किए थे. अब पुलिस हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर पर लगे NHAI के उन बोर्ड को भी हटवा रही है. जिसकी वजह से अगर जरूरत पड़ी तो किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े तो वो गोले उन बोर्ड से ना  टकरा पाए. इसलिए बड़ी क्रेन से उस बोर्ड को हटवा दिया गया है.  


महिला किसानों ने संभाला मोर्चा
किसान आंदोलन के दूसरे दिन भी हजारों की तादाद में किसान शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. ऐसे में अब किसानों के साथ महिलाएं भी आकर खड़ी हुई हैं. इन महिलाओं का कहना है कि यह पंजाब हरियाणा का बॉर्डर है कि भारत-पाकिस्तान का?, महिला किसानों का कहना है कि अपने ही देश में जाने के लिए इस प्रकार यह सब कुछ हो रहा हो. किसान नेताओं का साफ कहना है कि वह हर हाल में दिल्ली जाएंगे उसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े. 


आंसू गैस के गोले दागे, पर किसान पीछे नहीं हटे 
अंबाला के शंभू बॉर्डर पर आज किसानों की संख्या कल से ज्यादा हो गई है. किसान आंदोलन को लेकर जहां पहले दिन सिर्फ पुरुष किसान थे वहीं, आज बड़ी संख्या में उनके साथ महिलाएं भी खड़ी हो गई हैं. बीती रात भी यहां पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए लेकिन उसके बावजूद भी किसान पीछे नहीं हटे. 


किसानों और सरकार में बातचीत होगी
हरियाणा पंजाब के शंभू बार्डर पर गहमा गहमी का माहौल बना हुआ है. एक तरफ युवा कूच करने की कोशिश में जुटे हैं तो दूसरी तरफ से आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं. इसी बीच किसान नेताओं ने सरकार से बातचीत तक संयम की बात कह युवाओं से शाम तक रुकने की अपील की है. 


पटियाला बार्डर सील 
वहीं, किसानों के दिल्ली कोच को लेकर गुहलाचीका का पटियाला बॉर्डर पूरी तरह से सील कर दिया गया है, ताकि पंजाब के किसान हरियाणा के रास्ते दिल्ली ना जा सके. पिछले साल यह बहुत ज्यादा संवेदनशील बॉर्डर था, परंतु इस बार किसानों ने इस बॉर्डर का रुख नहीं किया.  बॉर्डर सील होने की वजह से आमजन को हरियाणा से पंजाब और पंजाब से हरियाणा जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 


हरियाणा के डीजीपी ने की ये अपील
हरियाणा के डीजीपी शत्रु जीत कपूर ने कहा कि चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले यात्री पंचकूला, बरवाला, दो सदका, बराड़ा ,बबैन, लाडवा, पिपली, कुरूक्षेत्र के रास्ते अथवा पंचकूला, बरवाला, यमुनानगर (एनएच-344) , लाडवा, इंद्री, करनाल होते हुए दिल्ली पहुंचे. इसी प्रकार, दिल्ली से चंडीगढ़ के लिए करनाल, इंद्री, लाडवा, यमुनानगर (एनएच-344), बरवाला, पंचकूला होते हुए अथवा करनाल, पिपली, लाडवा, बबैन, बराड़ा, दो सदका, बरवाला, पंचकूला होते हुए अपने गन्तव्य स्थान पर पहुंचे. 


कांग्रेस नेता बोले, सरकार की जिद की वजह से हो रहा आंदोलन 
वहीं, किसानों के आंदोलन को लेकर कांग्रेस नेता सचिन पायलट का कहना है कि यह किसान आंदोलन सरकार की जिद का नतीजा है. पाटलट ने कहा कि सरकार के अड़ियल रवैये के कारण इसका समाधान नहीं हो रहा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को यह घोषणा की है कि छत्तीसगढ़ के अंदर कांग्रेस सरकार बनी तो तो हम MSP को एक कानूनी प्रावधान बनायेंगे. 


दिल्‍ली के अंदर किसान कर रहे कारोबार 
ऐसे समय में जब दिल्ली से जुड़े हर बॉर्डर पर किसान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं देश की राजधानी दिल्ली के बीचों बीच ऐसे किसान भी मौजूद हैं जो जमकर कारोबार कर रहे हैं. और यह वह किसान है जो ज्यादातर आदिवासी जनजातीय समूहों से जुड़े हुए हैं. भारत के अलग-अलग राज्यों के दूर दराज गांवों से आए इन किसानों को कोई पूछे या ना पूछे इन्हें सरकार से कोई शिकायत नहीं है. 


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