लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद बुंदेलखंड के सर्वांगीण विकास को अपनी प्राथमिकता में रखा था. बुंदेलखंड आजादी के बाद से ही पेयजल की समस्या से जूझ रहा है. अब मुख्यमंत्री योगी ने निर्णय लिया है कि बुंदेलखंड प्यासा नहीं रहेगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आजादी के बाद से ही चली आ रही इस समस्या से निजात और हर घर को नल देने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने पहले ही राज्य पेयजल योजना की शुरुआत कर दी थी. बुंदेलखंड क्षेत्र के हर गांव के हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचे इसके लिए चयनित कंसल्टेंट द्वारा 43 विभिन्न परियोजनाओं माध्यम से डीपीआर (DPR) बनवाया गया.


कल बुंदेलखंड दौरे पर होंगे CM Yogi Adityanath, 'हर घर तक नल का जल' योजना का करेंगे शुभारंभ


डीपीआर बनकर तैयार हुआ. अब इस डीपीआर को कागज से धरातल पर उतारने की बारी है. बुंदेलखंड में 'हर घर नल' योजना की अनुमानित लगात 10,131.92 करोड़ रुपए है. इस परियोजना से बुंदेलखंड के 67 लाख लोग लाभांवित होंगे.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में भारत के हर घर को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने वाली योजना का ऐलान किया था. इस योजना का नाम 'हर घर जल' रखा गया था. उसी योजना को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य स्तर पर संचालित 'जल जीवन मिशन' से जोड़ने का फैसला लिया है.


इस योजना में बुंदेलखंड क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई. क्योंकि उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र में ही पेयजल की समस्या सबसे ज्यादा है. बुंदेलखंड क्षेत्र के अंतर्गत झांसी, महोबा, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट के कुल 4513 राजस्व ग्राम हैं. इनमें 891 राजस्व ग्राम पहले से ही पेयजल योजनाओं से आच्छादित हैं. 


WATCH LIVE TV