Chhattisgarh chunav results 2023: छत्तीसगढ़ में अप्रत्याशित नतीजे देखने को मिल रहे हैं. छत्तीसगढ़ में बीजेपी बहुमत के आंकड़े को पार करते हुए 54 सीटों के साथ सत्ता में लौटी है. कांग्रेस जहां मध्य प्रदेश औऱ राजस्थान को लेकर संशय में थी, लेकिन छत्तीसगढ़ में तो कांग्रेस जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थी, लेकिन नतीजों से उसकी 75 किलो की मिठाई धरी की धरी रह गई. भूपेश बघेल हालांकि पाटन सीट से चुनाव जीत गई.


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सवाल उठ रहे हैं कि क्या भूपेश बघेल पर आंख मूंद कर भरोसा करना कांग्रेस के लिए भारी पड़ा. जैसा कि हमें राजस्थान में अशोक गहलोत को लेकर देखने को मिला. छत्तीसगढ़ में बघेल ने काफी पैसा विज्ञापन और अपनी योजनाओं के प्रचार प्रसार में खर्च किया, लेकिन जनता का भरोसा उतना हासिल नहीं कर सकी. छत्तीसगढ़ चुनाव में उम्मीदवारों के चयन से प्रचार की रणनीति तक बघेल का ही दखल रहा. बघेल ने जहां बताया, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वहां प्रचार करने गए. 


छत्तीसगढ़ में कौन बनेगा सीएम?
छ्त्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों के लिए 7 और 17 नवंबर को दो चरण में मतदान हुए थे. कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही यहां प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. अगर कांग्रेस राज्य की सत्ता में आती है तो अनुमान है की भूपेश बघेल को ही सीएम बनाया जा सकता है. हालांकि, टीएस सिंह देव के तेवर देखकर उन्हें सीएम पद पर मौका मिल सकता है.  वहीं, भाजपा की बात करें तो तीन बार के सीएम रहे रमन सिंह का नाम सबसे आगे आता है.  हालांकि, सांसद विजय बघेल भी इस रेस में शामिल हैं. अगर भाजपा युवा चेहरे पर दांव खेलती है तो इसमें केंद्रीय नेतृत्व के करीबी ओपी चौधरी का नाम सबसे आगे आता है. 


भाजपा ने प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं दिया है. भाजपा की सत्ता में वापसी पर डॉ. रमन सिंह फिर कमान संभालेंगे या फिर चुनाव मैदान में उतरे केंद्रीय मंत्री और सांसदों में से किसी को मौका मिलेगा. कांग्रेस ने भी कयासों को जन्म दे दिया है कि सत्ता में बने रहने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही रहेंगे या नया चेहरा सामने आएगा. बालोद में शिक्षाकर्मी संतोष शर्मा मिले. वह भाजपा को जिता रहे हैं. वजह बताई, कांग्रेस पार्टी का बदला रुख.  


‘भूपेश है तो भरोसा है’ की जगह ‘भरोसे की सरकार’ और ‘भरोसा बरकरार, फिर से कांग्रेस सरकार’ जैसे नारे आने लगे हैंय. ऐसी पार्टी के साथ क्यों जाएं, जिसमें सब अनिश्चित नजर आए. संतोष का मानना है कि भाजपा आई तो बागडोर डॉ. रमन के हाथ ही होगी. किसान मानचंद पटेल कहते हैं, जिसने हमारा कर्ज माफ किया, हमें तो उसे देखना ही होगा. बघेल मुख्यमंत्री हैं तो वहीं बनेंगे. 


30 नवंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के रुझान सामने आए. इन रुझानों के मुताबिक, छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार दोबारा सत्ता में आएगी. टुडेज चाणक्‍य, सी वोटर सहित कई अन्‍य एजेंसियों ने अपने एग्जिट पोल में बीजेपी की हार दिखाई है. छत्‍तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए हर पार्टी को कम से कम 46 सीटों की दरकार है. एक्सिस मॉय इंडिया के पोल के मुताबिक कांग्रेस पार्टी को मौजूदा विधानसभा चुनाव में 45 सीट मिलेंगी. वो सरकार बनाने से महज एक सीट से चूक सकते हैं. इस सर्वे में बीजेपी को 41 सीटें दी गई हैं. अन्‍य के खाते में चार सीट जा सकती है. सी वोटर के सर्वे की बात की जाए तो इसमें कांग्रेस को बहुमत के आंकड़े से एक अधिक यानी 47 सीट दी गई हैं. बीजेपी को 42 और अन्‍य को एक सीट दी गई है.


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