लखनऊ: पलायन शुरु किए लोगों की चिंता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को पूरी रात नहीं सोए. दिल्ली सहित अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के नोएडा एवं गाजियाबाद पहुंचने की खबर मिलने से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नींद ही उड़ गई. ये लोग लॉक डाउन के बाद अपने घर जाने के लिए परेशान थे और साधन मिलने की उम्मीद छोडकर पैदल ही निकल पड़े. 


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इनमें से अधिकांश लोगों के पास न तो पैसा था न ही खाने-पीने का सामान. जिन पड़ोसी राज्यों की तरक्की में इन लोगों ने खून-पसीना बहाया था वो भी संकट की इस घड़ी में काम नहीं आए. ऐसे में इन लोगों की एक ही इच्छा थी कि किसी तरह अपने घर-गांव पहुंच जाएं. जब इन लोगों की उम्मीद खत्म हो गई तो ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इनकी सुध ली.


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रातों-रात परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह उत्तर प्रदेश और बिहार के जो भी लोग हैं उनके लिए जरुरी बसों का बंदोबस्त कर उनको उनके गंतव्य तक पहुंचाएं. साथ ही नोएडा, गाजियाबाद और पास के जिला प्रशासन को सबके लिए खाने-पीने और बच्चों के लिए दूध आदि की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया.


निर्देश देने के बाद भी वह पूरी रात इस व्यवस्था की निगरानी करते रहे। उनके निर्देश पर रातों-रात परिवहन विभाग के चालकों और कंडक्टरों के मोबाइल फोन की घंटिया बजने लगीं। उनसे कहा गया कि वे बसें लेकर नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़ और हापुड़ पहुंचे। देर रात इन जिलों में 1000 से ज्यादा बसें अपने काम में लग गईं। खबर लिखे जाने तक भी इन जगहों पर यात्रियों की संख्या के अनुसार बसें तैयार हैं।


उल्लेखनीय है कि इनमें से अधिकांश लोग दिल्ली में रहकर रोजी-रोटी कमाने वाले और कुछ पंजाब और हरियाणा के भी थे. लोग दिल्ली के मुख्यमंत्री से खासे खफा थे. लोगों का कहना था कि वोट के लिए मुफ्त बिजली और पानी देने वाले केजरीवाल सिर्फ सस्ती लोकप्रियता के लिए वादे करते हैं. हाल ही में उन्होंने यह भी वादा किया था कि दिल्ली सरकार चार लाख लोगों को भोजन मुहैया करा रही है, पर हमको तो कुछ नहीं मिला. अंतत: हरदम की तरह अपने मुख्यमंत्री योगी बाबा ही काम आए.


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