लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राजधानी लखनऊ में टीम-11 की मीटिंग ली. लोकभवन में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों संग राज्य में लॉकडाउन की स्थिति पर चर्चा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन में राज्य के कामगारों और मजदूरों को भरण-पोषण के लिए अब तक किए गए भुगतान की समीक्षा की. साथ ही मजदूरों की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ निपटाने के आदेश दिए.


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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों से कहा कि लॉकडाउन में सबसे अधिक दिक्कतों का सामना श्रमिक और मजदूर वर्ग को करना पड़ रहा है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे श्रमिकों की परेशानियों की सुनवाई को प्राथमिकता में रखें. सीएम योगी ने अफसरों से श्रमिकों को सहायता राशि का शीघ्र भुगतान करने का निर्देश दिया.


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यूपी सरकार के मुताबिक राज्य की औद्योगिक इकाइयों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों का पालन करते हुए अपने कर्मचारियों को लॉकडाउन की अवधि में 512.98 करोड़ रुपये वेतन का भुगतान किया है. वहीं यूपी सरकार ने लॉकडाउन से प्रभावित पंजीकृत श्रमिकों, फेरी नीति से आच्छादित श्रमिकों और विश्वकर्मा श्रम सम्मान श्रेणी में आने वाले कुल 23.70 लाख श्रमिकों को भरण-पोषण के लिए 236.98 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.


इसके अलावा मुख्यमंत्री ने निजी क्षेत्र की शिक्षण संस्थाओं, चिकित्सालयों एवं अन्य कार्यालयों में कार्य करने वाले अस्थाई कर्मचारियों को भी लॉकडाउन अवधि का मानदेय अनिवार्य रूप से दिए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित​ किया. मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों से कहा कि वे आर्थिक रूप से कमजोर और अपने परिवार के भरण-पोषण में अक्षम हर व्यक्ति की युद्धस्तर पर पहचान कर उन्हें तत्काल 1000 रुपये की सहायता राशि दी जाए.


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