यूपी में धान खरीदी का 72 घंटों में हो भुगतान, किसानों की अनदेखी पर नपेंगे अधिकारी
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यूपी में धान खरीदी का 72 घंटों में हो भुगतान, किसानों की अनदेखी पर नपेंगे अधिकारी

सीएम योगी ने किसानों की धान खरीद में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा, किसानों को धान बेचने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, उनका भुगतान 72 घंटों के भीतर किया जाए. इसके साथ ही इसमें भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए.

CM योगी आदित्यनाथ ने की किसानों की मुश्किल आसान.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adithyanath) ने साफ कहा कि सरकार किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगी. किसान को अपनी फसल बेचने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. उन्होंने धान क्रय केन्द्रों पर किसानों से फसल की खरीद में तेजी लाने के निर्देश दिए. सीएम योगी ने कहा, किसाानों की तय समय में अधिकतम फसल की खरीद की जाए. उन्होंने हर धान क्रय केन्द्र की रोजाना समीक्षा करने के निर्देश दिए. अगर धान क्रय केन्द्र की कोई शिकायत मिले, तो इसके सम्बन्ध में मुख्यमंत्री कार्यालय को तुरंत सूचना दें. उन्होंने मंडी परिषदों से अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए भी कहा.

72 घंटों के भीतर हो भुगतान
उन्होंने कहा कि क्रय केन्द्र पर किसानों से फसल खरीदकर उनका भुगतान 72 घंटे के अन्दर किया जाए. किसानों को रजिस्ट्रेशन टोकन फौरन दिया जाए. क्रय केन्द्रों पर कर्मचारी मौजूद रहें. साथ ही धान क्रय केन्द्रों पर किसानों को सभी सुविधाएं दी जाएं. किसान को धान बिक्री के लिए इन्तजार न करना पड़े, इसके लिए खरीद केन्द्रों पर काटों की संख्या बढ़ाई जाए. साथ ही जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त धान क्रय केन्द्र की स्थापना की जाए.

भ्रष्ट अधिकारियों पर हो कार्रवाई
सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सरकारी कर्मियों के भ्रष्टाचार के मामलों में बिल्कुल ढिलाई नहीं बरती जाए, दोषी कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

धान केंद्र पर नियुक्त हो नोडल अधिकारी
उन्होंन किसानों की सहूलियत और खरीद की निगरानी को लेकर कहा कि प्रत्येक धान क्रय केन्द्र के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए. इससे किसानों को 

किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए चलेगा मिशन
‘किसान कल्याण मिशन’ के तहत किसान कल्याण और किसान की आमदनी को दोगुना करने के लिए चलाया जाएगा. प्रदेश के सभी विकासखण्डों में इसे चरणबद्ध तरीके से चलाया जाएगा. इसमें स्थानीय स्तर पर लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यमिता इकाइयों और गांव के विकास के आजीविका मिशन के लिए बने स्वयं सहायता समूहों के उत्पादित प्रमुख उत्पादों को शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसान गोष्ठियों के जरिए कृषि प्रसार कार्यकर्ता किसान, वैज्ञानिक और शासन की योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएं.

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