गौतमबुद्ध नगर: कोरोना को लेकर चल रहे प्रयासों को जिले में बड़ा झटका लगा है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते जिले के क्वारंटीन सेंटर से एक युवक करीब महीने भर से लापता है, लेकिन अब तक किसी को इस बात की खबर भी नहीं थी. दनकौर कोतवाली में FIR दर्ज होने के बाद अब जाकर संदिग्ध की तलाश शुरू की गई है. संदिग्ध का नाम रंजीत है और वो झारखंड के देवघर का रहने वाला है. नोएडा में एक ट्यूब लाइट कंपनी में रंजीत काम करता था.


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19 अप्रैल को क्वारंटीन सेंटर लाया गया था संदिग्ध 
संदिग्ध रंजीत को अपने एक और साथी राजकुमार के साथ 19 अप्रैल को क्वारंटीन सेंटर लाया गया. रंजीत की तबियत खराब होने के बाद उसे ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स में भर्ती कराया गया. जब उसकी तबियत ठीक हुई तो वापस उसे क्वारंटीन सेंटर भेज दिया गया. सेंटर पहुंचकर फिर उसकी तबियत बिगड़ी तो 23 अप्रैल को रंजीत 2 डॉक्टर्स की टीम के साथ ग्रेटर नोएडा के शारदा हॉस्पिटल में रेफर किया गया. रंजीत के साथ दूसरी एंबुलेंस में उसका साथी राजकुमार भी मौजूद था. 


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संदिग्ध के साथी की रिपो र्ट निगेटिव आई 
25 अप्रैल को रंजीत के साथी राजकुमार की कोरोना वायरस टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. जिसके बाद उसे क्वांरटीन सेंटर से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया. ढाई हफ्ते बीत जाने के बाद जब रंजीत की रिपोर्ट नहीं आई तो उसकी तलाश शुरु हुई. जब ये मामला क्वारंटीन सेंटर पहुंचा तो किसी को पता ही नहीं था कि रंजीत कहां है या फिर उसकी रिपोर्ट कहां है? मामले में क्वॉरेंटाइन सेंटर के प्रभारी की ओर से दनकौर कोतवाली में FIR करवाई गई है.जिसके बाद पुलिस पूरे मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है.


अब तक रंजीत को नहीं तलाश पाई पुलिस 
ये मामला करीब एक महीने पहले का है, लेकिन अब तक पुलिस को रंजीत की खबर नहीं है. गौतमबुद्ध नगर के क्वारंटीन सेंटर में भर्ती मरीज अचानक गायब हो गया, फिर भी किसी को इस बार की खबर नहीं लगी. हफ्तों बाद उसकी तलाश शुरू तो हुई है लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं है. सेक्टर-30 स्थित सरकारी अस्पताल, क्वारंटीन सेंटर, जिम्स, शारदा अस्पताल और पोस्टमार्टम हाउस तक रंजीत की तलाश हो रही है, फिर भी पुलिस के हाथ खाली हैं. दनकौर कोतवाली में उसके गायब होने की रिपोर्ट लिखी जा चुकी है. 


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स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का मामला 
जहां जिले में कोरोना वायरस को लेकर युद्ध स्तर पर लड़ाई चल रही है, वहीं इस तरह एक संदिग्ध के गायब होने और फिर न मिलने की खबर स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था पर सवाल खड़े करने वाली है. प्रदेश में कोरोना के लिहाज से हॉटस्पॉट बने इलाके का ये हाल आश्चर्यचकित करने वाला है.